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Sansadhan or Unke Udahaaran | संसाधन और उनके उदहारण | Resources and Example

संसाधन और इसके उदहारण
संसाधन क्या हैं
हमारे आस – पास उपस्थित वह हर वस्तु जिसका प्रयोग हम अपने दैनिक कार्यों को करने के लिए तथा अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए करते हैं. “संसाधन” कहलाती हैं.

उदहारण –
1.       जब हमें प्यास लगती हैं तो हम पानी पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं. पानी भी एक संसाधन हैं जिसका प्रयोग हम रोजाना प्यास बुझाने के साथ – साथ स्नान करने व कपडे धोने जैसे अनेक कार्यों को करने के लिए करते हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT संसाधन के प्रकार  ...

Sansadhan or Unke Udahaaran
Sansadhan or Unke Udahaaran


2.       स्कूलों में विद्यार्थियों के पढ़ने – लिखने के लिए बैंच, मेज, कुर्सी आदि भी संसाधन हैं. जिनका प्रयोग बच्चों के द्वारा प्रतिदिन होता हैं.

3.       विद्यार्थियों के पढने के लिए किताबें, लिखने के लिए कॉपी या रजिस्टर जिनकी सहायता से विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते हैं. ये वस्तुएं भी संसाधन का ही एक रूप हैं.

इनके अलावा हमारी छोटी – मोटी जरूरतों की पूर्ति करने के लिए जैसे – स्कूल जाने के लिए किसी वाहन का प्रयोग करना या रिक्शा का प्रयोग करना, दोपहर का भोजन ले जाने के लिए टिफिन (Lunchbox) का प्रयोग करना, कॉपी किताबें ले जाने के लिए बैग का प्रयोग करना आदि सभी चीजें संसाधन हैं.

संसाधन की उपयोगिता एवं मूल्य  
कोई भी वस्तु अपने आप संसाधन नहीं बनती, प्रत्येक वस्तु को संसाधन उसकी उपयोगिता और मूल्य बनाती हैं.

संसाधन की उपयोगिता – जब किसी वस्तु का प्रयोग हम लगातार करने हैं और जिसका प्रयोग किये बिना हमारा काम नहीं चल सकता. वह वस्तु हमारे जीवन के लिए उपयोगी हो जाती हैं. एक वस्तु का निरंतर उपयोग करना ही, उस वास्तु की उपयोगिता कहलाती हैं.

उदहारण
1.       रात होने के बाद या कमरे में अधिक अधेरा होने पर हमारा हाथ सीधा बल्ब के बटन (Switch) पर जाता हैं. जिससे हमारे कमरे में रौशनी हो जाती हैं और अंधकार दूर हो जाता हैं. ऐसे ही हमारे द्वारा रोजाना बिजली से चलने वाले बल्ब, ट्यूबलाइट, पंखा, फ्रिज आदि का प्रयोग करना इन चीजों की उपयोगिता कहलाती हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT - प्राकृतिक संसाधन के प्रकार ...

संसाधन और उनके उदहारण
संसाधन और उनके उदहारण


2.       स्कूल जाने के लिए प्रतिदिन रिक्शा या किसी वाहन का प्रयोग करना भी इन चीजों की उपयोगिता कहलाती हैं.

संसाधन का मूल्य – मूल्य का सामान्य अर्थ वस्तु के महत्व और उसका आर्थिक मूल्य होता हैं. हमारे आस- पास उपलब्ध कुछ वस्तु या संसाधन नि:शुल्क (Free) होते हैं तथा कुछ मूल्यवान होते हैं. जिनका प्रयोग करने के लिए हमें उनका मूल्य देना पड़ता हैं.

उदहारण –

मूल्यवान संसाधन  – सोना, चाँदी, पीतल, तांबा आदि धातुएं मूल्यवान संसाधन हैं. इसका प्रयोग मनुष्य के द्वारा ज्यादा किया जाता हैं तथा इनकों प्राप्त करने के लिए हमें इनका आर्थिक मूल्य देना पड़ता हैं.

निशुल्क संसाधन  –
1.       किसी स्थान का प्राकृतिक दृश्य, जिसे देख कर मन प्रसन्न हो जाये. यह दृश्य नि:शुल्क संसाधन हैं अर्थात इस दृश्य को देखने के लिए हमें आर्थिक मूल्य नहीं देना पड़ेगा.

2.       इसके अलावा नदियों में बहता पानी भी नि:शुल्क संसाधन हैं. इसका इस्तेमाल करने के लिए हमें किसी प्रकार का आर्थिक मूल्य नहीं देना पड़ेगा.

संसाधन के प्रकार
संसाधन तीन प्रकार के होते हैं –

1.       प्राकृतिक संसाधन

2.       मानव निर्मित संसाधन

3.   मानव संसाधन या मानव विकास संसाधन
        
संसाधन और उनके उदहारण के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते है.   
 Resources and Example
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5 comments:

  1. sir prakritik sansadhan ko aapne 3 bhago m bata h, pr kuchh book m 5 bhagho m bata h plz sahi sahi batye.

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  2. Sir apne sansadhan ka vargikarn nahi bataya he please garage

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  3. Muje manav nirmit vastu pr assignment bnana h... kya yaha pura matter available ho jaega???

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  4. संसाधन से आप क्या समझते है। उदाहरण सहित स्पष्ट करे

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  5. Manav nirmit sansadhan ke parkar

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