प्राकृतिक संसाधन के प्रकार और उदहारण
जो संसाधन हमें प्रकृति से प्राप्त होते हैं तथा जिनका प्रयोग हम सीधा अर्थात
उसमें कोई भी बदलाव किये बिना करते हैं. प्राकृतिक संसाधन कहलाते हैं.
प्राकृतिक संसाधनों को तीन भागों में बांटा जा सकता हैं –
·
विकास एवं प्रयोग के आधार पर
·
उद्गम या उत्पत्ति के आधार पर
·
भंडारण तथा वितरण के आधार पर
विकास के आधार पर प्राकृतिक संसाधन को दो स्तरों में बाटां जा सकता हैं –
1. वास्तविक संसाधन – वे वस्तुएं जिनकी संख्या
या मात्रा हमें पता हैं तथा जिनका इस्तेमाल हम इस समय कर रहें हैं. ये वस्तुएं
वास्तविक संसाधन कहलाती हैं.
उदहारण – जैसे जर्मनी देश में कोयले की मात्रा, पश्चिम एशिया में
खनिज तेल की मात्रा तथा महाराष्ट्र की काली मिट्टी की मात्रा का हमें पता हैं तथा
इन संसाधनों का प्रयोग हम इस समय कर रहें हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT संसाधन ...
Prakaritik Sansadhan ke Prakar or Udahaaran |
2. संभाव्य संसाधन – वे वस्तुएं जिनकी निश्चित
मात्रा या संख्या का अनुमान हम नहीं लगा सकते तथा जिनका प्रयोग हम इस समय नहीं कर
रहें. परन्तु आगे आने वाले समय में कर सकते हैं. ये वस्तुएं “संभाव्य संसाधन”
कहलाते हैं.
संभाव्य संसाधन का प्रयोग वर्तमान समय में न कर पाने का
कारण देश की तकनिकी प्रगति का स्तर कम होना माना जाता हैं.
उदहारण –
·
200 वर्ष पहले तेजी से चलने वाली पवन चक्कियां एक संभाव्य
संसाधन थी. लेकिन आज के आधुनिक समय में हमारे देश में तकनिकी प्रगति हुई हैं. जिसके कारण ही हम पवन
चक्कियों का प्रयोग आज कर पा रहें हैं.
·
लद्दाख में पाया गया युरेनियम भी एक सम्भाव्य संसाधन हैं
जिसका प्रयोग हम आने वाले समय में कर सकते हैं.
उत्पत्ति या उद्गम के आधार पर
उद्गम तथा उत्पत्ति के आधार पर प्राकृतिक संसाधनों को दो भागों में बाँट सकते
हैं –
1) जैव संसाधन – सजीव या जीवित वस्तुएं “जैव संसाधन” कहलाती हैं.
उदहारण – जीव – जंतु, पेड़ - पौधे तथा मनुष्य जैव संसाधन हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT संसाधन के प्रकार ...
प्राकृतिक संसाधन के प्रकार और उदहारण |
2) अजैव संसाधन – जो वस्तुएं निर्जीव हैं. जीवित नहीं हैं. ये वस्तुएं अजैव संसाधन
कहलाती हैं.
उदहारण – कुर्सी, मेज, पुस्तकें जैसी अनेक वस्तुएं अजैव संसाधन
हैं.
प्राकृतिक संसाधनों को अच्छी तरह समझने के लिए इन्हें हम दो भागों में और बाँट
सकते हैं.
§ नवीकरणीय संसाधन – वे वस्तुएं जिनका
निर्माण तथा प्रयोग दुबारा किया जा सकता हैं तथा जिन वस्तुओं की पूर्ति दुबारा
आसानी से हो सकती हैं. ये वस्तुएं नवीकरणीय संसाधन कहलाते हैं. नवीकरणीय संसाधन
असीमित होते हैं.
उदहारण – सौर ऊर्जा तथा पवन ऊर्जा. सौर ऊर्जा में सूरज के प्रकाश
का इस्तेमाल किया जाता हैं तथा पवन ऊर्जा में तेज चलने वाली हवाओं का प्रयोग ऊर्जा
का निर्माण करने के लिए किया जाता हैं. इन दोनों का भंडार असीमित हैं तथा इन दोनों
संसाधनों का निर्माण दुबारा हो सकता हैं. इसलिए ये दोनों नवीकरणीय संसाधन हैं.
§ अनविकरणीय संसाधन – वे वस्तुएं जिनका भंडार
असीमित होता हैं तथा जिनके निर्माण होने की आशा बिल्कुल नहीं रहती या जिनका
निर्माण होने में अधिक समय लगता हैं. अनविकरणीय संसाधन कहलाते हैं.
किसी भी संसाधन का हमें लापहरवाही से प्रयोग नहीं करना
चाहिए. क्योंकि लगातार और अधिक प्रयोग करने से ये जल्दी समाप्त हो जाते है और इनका
प्रयोग आने वाली पीढ़ी नहीं कर सकती.
उदहारण – कोयला, प्राकर्तिक गैस असीमित संसाधन तथा इनका निर्माण
होने में बहुत ही समय लगता हैं.
वितरण के आधार पर संसाधन को दो भागों में बाँट सकते हैं –
·
सर्वव्यापक – जो वस्तुएं सभी जगह पाई जाती हैं तथा जो आसानी से उपलब्ध
हो जाती सर्वव्यापक संसाधन कहलाती हैं.
उदहारण – वायु एक सर्व व्यापक संसाधन हैं क्यूंकि यह पूरे संसार
में पाई जाती हैं तथा इसके उपस्थित होने के कारण ही मनुष्य जीवित हैं.
·
स्थानिक संसाधन – जो वस्तुएं कुछ गिने – चुने स्थानों पर ही
पाई जाती हैं. स्थानिक संसाधन कहलाते हैं.
उदहारण – तांबा तथा लौह अयस्क स्थानिक संसाधन हैं. ये दोनों संसाधन
कुछ विशेष स्थान पर ही पाए जाते हैं.
प्राकर्तिक संसाधन के प्रकार के बारे में अधिक जानने
के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते है.
Types of Natural Resources And Example |
Prakaritik Sansadhan ke Prakar or Udahaaran, प्राकृतिक संसाधन के
प्रकार और उदहारण, Types of Natural Resources And Example, Bhugol, Geography, Kaksha Aathvin, भूगोल, Vastvik
Sansadhan, Jaiv sansadhan, Sarvvyapak Sansadhan.
YOU MAY ALSO LIKE
- संसाधन और उनके उदहारण
mjhe evs ka prakrtik sansadhan ki kon kon si samasyaye nhi mil rhi h
ReplyDeleteभैातिक ससाधन व इसके उदाहरण नही मिल रहे हैं
ReplyDeleteExplin the pare to optimality condition of welfare.? economics question pls
ReplyDelete