पातक कालसर्प दोष
पातक कालसर्प दोष कुंडली के दशवें भाव में राहु ग्रह स्थित होने पर, चौथे भाव
में केतु ग्रह के स्थित होने पर तथा अन्य ग्रहों के इन दोनों ग्रहों के बीच में
स्थित होने पर बनता हैं. कालसर्प दोष का योग बनने के बारे में सुनते ही व्यक्ति के
मन में भय उत्पन्न हो जाता हैं. इस दोष का नाम सुनकर भय उत्पन्न होना स्वाभाविक भी
हैं. क्योंकि इस दोष से पीड़ित व्यक्ति को जीवन भर कष्टों का सामना करना पड़ता हैं.
ऐसे ही पातक कालसर्प दोष के योग से पीड़ित व्यक्ति को भी इस दोष के दुष्प्रभाव का
सामना करना पड़ता हैं. जिनके बारे में जानकारी नीचे दी गई हैं –
पातक कालसर्प दोष के दुष्प्रभाव
1. इस योग से पीड़ित व्यक्ति
हमेशा अपने घर – परिवार के सदस्यों से तथा उनके व्यवहार से परेशान रहता हैं.
2. जिस व्यक्ति की कुंडली में
यह योग बनता हैं. उसे पिता की सम्पत्ति को प्राप्त करने के लिए अपने भाइयों की तरफ
से लगातार विरोधों का भी सामना करना पड़ता
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...
Paatak Kaalsarp Dosh ke Bure Asar se Mukti |
3. पातक कालसर्प दोष से
प्रभावित व्यक्ति को आजीविका अर्थात नौकरी या व्यवसाय में भी बार – बार दिक्कतों
का सामना करना पड़ता हैं.
4. इस योग के कारण व्यक्ति को
कई बार हृदय को बहुत ही दुखी कर देंने वाली परिस्थितियों का सामना करना पड़ता हैं.
5. इस दोष से पीड़ित व्यक्ति की
दूसरों से उधार मांगने की तथा हर कार्य को करने के लिए दूसरों की मदद या अहसान
लेने की मुख्य प्रवृति बन जाती हैं. जिसके कारण इनके ऊपर जिन्दगी भर दूसरों के
अहसानों का तथा ऋण का भार रहता हैं.
पातक कालसर्प दोष के योग के दुष्प्रभाव को दूर करने के उपाय –
1. पातक कालसर्प दोष से मुक्ति
पाने के लिए रोजाना शिवलिंग पर जल चढाएं.
2. इस योग से मुक्ति पाने के
लिए आप भगवान शिव का रुद्राभिषेक भी कर सकते हैं. इस उपाय को करने से भी काफी हद
तक इस दोष का प्रभाव शांत हो जाता हैं.
3. इस योग से मुक्ति पाने के
लिए शनिवार तथा मंगलवार के दिन रामचरितमानस के सुन्दरकाण्ड का पाठ स्वयं करें. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT कालसर्प दोष के प्रकार तथावासुकी कालसर्प दोष ...
पातक कालसर्प दोष के बुरे असर से मुक्ति |
4. भगवान शिवजी की अराधना करने
से सभी कालसर्प दोष दूर हो जाते हैं. क्योंकि कालसर्प अर्थात काले नाग देवता तो
उनके गले में विराजमान रहते हैं और उनकी आज्ञा का पालन करते हैं. इसलिए अगर आपको
इस योग से छुटकारा पाना हैं. तो सबसे पहले शिव जी की अराधना करें. रोजाना
महामृत्युन्जय के मन्त्र का सुबह स्नान करने के पश्चात् जाप करें. आपको इस दोष के
दुष्प्रभाव से जल्द ही मुक्ति मिल जायेगी.
5. प्रत्येक मंगलवार के दिन
हनुमान जी की सामान्य ढंग से पूजा करने के बाद हनुमान चालीसा का एक सौ आठ बार जाप
करने से भी इस दोष के अशुभ प्रभाव से आप मुक्त हो जायेंगे.
पातक कालसर्प दोष के बुरे असर से बचने के अन्य
उपायों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते है.
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