कृषि ( Agriculture )
कृषि को खेती भी कहा
जाता है. ये सिर्फ खेती बाड़ी तक ही सिमित नही है बल्कि इसमें जीवन की जरूरतों को
पूरा करने के लिए जरूरी उत्पाद जैसे खाना, कपडा, पेय और इंधन इत्यादि का उत्पाद भी
आता है. इन सभी वजह से ही व्यक्ति अपना जीवन सुलभता से जी पाता है. प्राचीन समय से
ही कृषि हर समुदाय की जीविका और जीवन का मुख्य साधन रहा है, साथ ही कृषि ने ही ना
जाने कितनी ही सभ्यताओं को जन्म दिया है और लोगो को रहने का ढंग सिखाया है. इसीलिए
विद्यार्थी इसके बारे में शिक्षित होने के लिए कृषि विज्ञान को अपने विषय के रूप
में चुनते है. किन्तु खेती करने के लिए एक सही तरीका होता है और आज हम आपको बता
रहे है कि सही खेती और सफल फसल पाने के लिए आप किन पद्धतियों को अपना सकते हो. CLICK HERE TO KNOW ABOUT मृदा का निर्माण और संरक्षण ...
Krishi Kaise Karen |
कृषि
पद्धतियाँ ( Agricultural Practices ) :
कृषि पद्धति से
अभिप्राय खेती के लिए जरूरी कुछ कदमो से है. ये कुछ ऐसे कदम है जिन्हें आप अपने
आसपास किसी खेत में एक किसान को करते हुए देख सकते हो.
1. मिटटी की तैयारी ( Preparation of Soil )
2. बीज बोना ( Sowing )
3. खाद डालना ( Add Manure and Fertilizer )
4. सिंचाई ( Irrigation )
5. कीटनाशकों से बचाना ( Protection from Weeds )
6. फसल की कटाई ( Harvesting )
7. संग्रह करना ( Storage )
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मिटटी
की तैयारी : खेतो के
लिए सबसे पहले मिटटी का पूर्ण रूप से तैयार होना जरूरी होता है क्योकि फसल को बढ़ने
के लिए सब कुछ मिटटी से ही प्राप्त होता है और अगर वो ही प्रदूषित या कठोर होती है
तो इससे आपकी फसल पर काफी बुरा असर पड़ता है. इसलिए किसी भी नयी फसल को बोने से
पहले मिटटी की जोत लें. इससे मिटटी में दबाएँ गये प्रदूषित तत्व बाहर निकल जाते है
और आपकी मिटटी ढीली हो जाती है. इसका ये लाभ होता है कि आपकी फसल की जड़ें दूर दूर
तक जा पाती है और अपने लिए जरूरी पानी और पौषक तत्वों को ले पाती है. CLICK HERE TO KNOW ABOUT भूमि एक महत्वपूर्ण संसाधन ...
कृषि कैसे करें |
मिटटी को जोतने के बाद आप उसे एक सामान भी कर लें ताकि जब आप उसमे बीज
बोते है तो उसके अव्यवस्थित ना फैलें. इन दोनों कामो के लिए आप ट्रेक्टर का
इस्तेमाल कर सकते हो. इन कामो के लिए पहले हलों का इस्तेमाल किया जाता था. जिसमे
बैल या कोई जानवर उसको जोतता था. किन्तु तकनीक और औद्योगिक विकास के बाद जुताई का
कार्य बहुत आसान हो गया है और बाजार में कुछ ऐसे यंत्र आते है जिनस आप एक ही समय
पर ट्रेक्टर के साथ जोड़कर जुताई और मिटटी को बराबर कर सकते हो.
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बीज
बोयें (
Sowing ) : बीज बोना भी एक कला माना जाता है क्योकि हर फसल
के लिए आपको अलग तरह से बीज बोने पड़ते है. किसी को आपको खुद मिटटी में छेद करके
लगाना होता है तो किसी को हवा में फेंकना होता है तो किसी को आप पानी में जाकर
लगते हो. किन्तु इन सभी में एक बात सामान ये होती है कि हर बीज के बीच में सामान
अंतर का होना जरूरी है ताकि एक पौधा दुसरे पौधे का पौषक तत्व ना लें और उसके विकास
में बाधा ना बनें. इसके लिए भी आजकल मशीनों का इस्तेमाल किया जाता है और ट्रेक्टर
के साथ बांधकर इस्तेमाल किया जाता है.
How to Agriculture |
नोट : बीजों
को बोने से फेल आप उनसे 1 से 2 दिनों तक हलके गर्म पानी में रखें ताकि बीजों में
से सारी गंदगी दूर हो जाएँ. इससे बीजों पर किसी भी तरह के कीटनाशक का प्रभाव कम
होता है और आपके बीज सुरक्षित रहते है.
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खाद
डालें (
Add Manure and Fertilizer ) : जिस तरह
हर मनुष्य को खाने और पौषक तत्वों तत्वों की आवश्यकता होती है उसी प्रकार पौधों को
भी स्वस्थ रहने के लिए खाद की जरूरत होती है. उसे उसके लिए सभी जरूरी तत्व इसी खाद
से ही मिलते है. किन्तु खाद दो तरह की होती है.
खेती की तैयारी |
प्राकृतिक खाद ( Manure ) : इन्हें
गाय भैस के गोबर, घास फुंस, पानी और केंचुओं की मदद से बनाया जाता है. ये पूरी तरह
से सड़े हुए और प्राकृतिक होते है. इसे फाल के लिए सही भोजन माना जाता है क्योकि ये
फसल की किसी भी तरह की हानि नहीं पहुंचाते है.
रासायनिक खाद ( Fertilizer ) : इनका
निर्माण फक्ट्रियों में रासायन द्वारा किया जाता है. जिसकी वजह से ये आपकी फसल को
हानि पहुंचा सकते है. ये मिटटी के साथ मिलकर फसल के विकास को समय और अनियमित रूप
से बढ़ा देते है. जिससे फसल और मिटटी दोनों को नुकसान झेलना पड़ता है.
कृषि पद्धतियाँ |
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सिंचाई
(
Irrigation ) : सिंचाई से अभिप्राय मिटटी को पानी देने और मिटटी
को गीली करने से है. पानी देने के लिए पहले रहत का अधिक इस्तेमाल होता था किन्तु
आजकल ट्यूबवेल के इस्तेमाल से आसानी से सिंचाई हो जाती है. किन्तु फसल के हर कोने
तक पानी को पहुँचाने का तरीका आज भी सदियों पुराना ही है. जिसके अनुसार फसल को कुछ
क्षेत्रों में विभाजित कर दिया जाता है, फिर उनके चारों तरफ मिटटी की बाड लगा दी
जाती है. इन बाड़ों को जगह जगह खोल दिया जाता है. ताकि फसल के उस हिस्से में पानी आ
सके. इसके बाद बाड में पानी छोड़ दिया जाता है. इन बाड से होता हुआ पानी फसल के हर कोने
तक पहुंचता है.
Kheti Karne ke Tarike |
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कीटनाशकों
से बचाव (
Protection from the Weeds ) : फसल
उगने के साथ साथ उसका ध्यान भी रखना पड़ता है और फसल में आपने अकसर देखा होगा कि
कुछ कीट लग जाते है या फिर खरपतवार लग जाती है. ये आपकी फसल को हानि पहुंचा सकते
है. इसलिए आपको अपनी फसल को सुरक्षित रखने के लिए इन्हें दूर करना होता है तभी
आपकी फसल का पूर्ण रूप से विकास हो पाता है. ये न सिर्फ जमीन के ऊपर बल्कि जमीन के
नीचे जाकर भी आपकी फसल को हानि पहुंचा सकते है. इन्हें किसी भी फसल के लिए बीमारी
और जहर माना जाता है. इसलिए बाजार में कुछ ऐसे कीटनाशक मिलते है जिनका इस्तेमाल आप
इनपर करें और अपनी फसल को सुरक्षित और स्वस्थ रखें.
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फसल
कांटे (
Harvesting ) : फसल के तैयार हो जाने के बाद एक ही काम बचता है
और वो है इसे काटने का. ज्यादातर फसल पतझड़ के समय के आसपास ही कटती है. किन्तु हर
फसल का अपना ही एक अलग समय होता है. फसलों के प्रकार के अलग अलग होने की वजह से
इन्हें काटने का तरीका भी अलग होता है. जैसेकि किसी फसल को काटने के लिए मशीनों का
इस्तेमाल किया जाता है तो किसी को हाथों से तोडा जाता है. इसके लिए अधिकतर लोग दराती
का इस्तेमाल करते थे. फसल की कतई के लिए आजकल ट्रेक्टर, चारा काटने वाली मशीन, फसल
काटने और चारा अलग करने वाली मशीन, अनाज गाड़ियाँ और बेलर का इस्तेमाल किया जाता
है.
Acchi Fasal Kaise Taiyar Karen |
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संग्रह
करने (
Storage ) : अब अंतिम कार्य होता है कि आप अपनी फसल के दानो
को एक जगह संग्रह कर लो, ताकि जरूरत पड़ने पर आप उसका इस्तेमाल कर सकों और उसे
बाजार ले जाकर बेंच सकों. बीजों के संग्रह करने के पीछे एक मकसद ये भी होता है कि
इनका मौसम, नमी, हवा, पक्षी, किट पतंगे और सूक्ष्मजीवों से इनका बचाव हो सके.
इसलिए इनको बौरों में डालकर किसी गोदाम में रख दिया जाता है.
नोट : बीजों
को तभी संग्रहित करने जब वे सुखें हुए हो. गीले बीजों को संग्रहित करने पर इनपर
किट लग जाते है, साथ ही उनका विकास भी होता रहता है. इसलिए आप इन्हें सुखाने के
बाद ही किसी गोदाम में रखें.
कृषि
करने के अन्य तरीके, इसके महत्व और खेती के अर्थ के बारे में अधिक जानने के लिए आप
तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
कृषि |
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- आफ्टर इफ़ेक्ट क्या है
घर मे बगीचा लगाना है कोनसे पोधे लगाये जाये और कैसे
ReplyDeleteआप नीचे दिए लिंक पर जाकर जान सकते है कि घर व बगीचे में कौन से पौधे लगाने चाहियें और कौन से नहीं.
Deletehttp://www.jagrantoday.com/2016/03/kaun-sa-paudha-lagayen-or-kaun-sa-nahi.html
उसके बाद भी आपको कोई संदेह रहता है तो आप दोबारा कमेंट अवश्य करें.
संपर्क के लिए धन्यवाद
जागरण टुडे टीम
बहुत अच्छी और उपयोगी जानकारी. पढ़ के अच्छा लगा. सधन्यवादद.
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