महावीर स्वामी जयंती (Mahavir Swami Jayanti)
महावीर स्वामी जैन समुदाय
के 24 वें तीर्थकर थे. प्रति वर्ष इनकी जयंती अप्रैल माह की त्रयोदशी
तिथि को मनाई जाती हैं. ये जैन समुदाय के लोगों के स्वामी हैं तथा जैन समुदाय
के लोग इनके अनुयायी अर्थात शिष्य हैं. जैन समुदाय के अनुसार महावीर स्वामी
का जीवन ही उनके लिए सन्देश हैं.
जन्म (Birth) – महावीर स्वामी का जन्म
599 ईसवी पूर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को बिहार राज्य के
लिच्छवी वंश के महाराज के घर हुआ था. इनके पिता का नाम महाराज सिद्धार्थ था तथा इनकी माता का नाम
त्रिशिला देवि था. इनके बचपन का नाम वर्धमान था.
महावीर स्वामी का जीवन (Life of Mahavir Swami)
महावीर स्वामी का जन्म एक
संपन्न परिवार में हुआ था. लेकिन इन्होने सभी ऐश्वर्य, धन - संपत्ति को नजरअंदाज
कर दिया और युवा अवस्था में अपना राज – पाठ तथा घर का त्याग कर पैदल यात्रा करने
के लिए निकल गये. इन्होने घर का त्याग करने के पश्चात 42 वर्ष की आयु तक जुभिका
नामक गाँव में ऋजुकूला नदी के किनारे घोर तपस्या की. इतने सालों तक घोर तपस्या
करने के बाद इन्हें एक वन में साल वृक्ष के नीचे वैसाख शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि
को ज्ञान प्राप्त हुआ. जिसके बाद ये महावीर स्वामी के नाम से प्रख्यात हो गये.
कैवल्य ज्ञान प्राप्त करने के बाद ही इन्होनें पार्श्वनाथ के आरम्भ किये गये
तत्वज्ञान को परिभाषित किया और जैन समुदाय के लोगों के लिए जैन दर्शन की स्थायी
स्थापना की. जैन दर्शन की स्थापना करने के पश्चात् इन्होने आधुनिक काल में जगह
– जगह भ्रमण करके जैन दर्शन के उपदेश दिए और इसे पूरे संसार में फैलाया. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT भीमराव अम्बेडकर जयंती ...
Happy Mahavir Swami Jayanti |
महावीर जी के अनमोल उपदेश (Precious Teaching of Mahavir )
जैन धर्म की स्थापना करने
के बाद इन्होने अहिंसा को मानवजाति का परम धर्म बताया था. अहिंसा के मार्ग
पर चलना महावीर स्वामी का सबसे प्रिय सन्देश था. इसके साथ ही जीवन को बेहतर बनाने
के लिए मनुष्य को अनेक बहुमूल्य उपदेश दिए और उनमें मानवतावादी विचारों का प्रसार
किया. जिनकी जानकारी नीचे दी गई हैं –
1.
मनुष्य को सदैव सत्य बोलना
चाहिए.
2.
निर्बल, निरीह तथा असहाय
व्यक्ति की कभी निंदा नहीं करनी चाहिए तथा हमेशा उसकी सहायता करनी चाहिए.
3.
कभी किसी व्यक्ति को या पशु
को सताना नहीं चाहिए.
4.
मनुष्य को मन, कर्म, वचन से
शुद्ध होना चाहिए.
5.
ब्रह्मचर्य का पालन करना
चाहिए.
6.
मनुष्य को विभिन्न स्थानों
पर भ्रमण अवश्य करना चाहिए. क्योंकि इससे मनुष्य का ज्ञान बढ़ता हैं तथा यह ज्ञान
अर्जित करने का सर्वश्रेष्ठ साधन हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT वल्लभाचार्य जयंती ...
महावीर स्वामी जयंती की ढेर सारी शुभकामाएं |
7.
मनुष्य को कभी चोरी नहीं
करनी चाहिए.
8.
महावीर स्वामी का मनुष्य
जीवन जीने के लिए “जियो और जीने दो” मूल मन्त्र था. उनका मानना था कि जीवन
के इस मूल मन्त्र को अपनाकर हम मनुष्य जीवन और देश को बचा सकते हैं.
महावीर स्वामी जी क इन
उपदेशों का पालन आज भी जैन समुदाय में किया जाता हैं तथा उन्हें अपना सर्वोच्च
शिक्षक माना जाता हैं.
महावीर जयंती कैसे मनाई
जाती हैं (How to Celebrate
Mahavir Jayanti)
महावीर जयंती के दिन जैन
समुदाय के लोग सुबह मंदिर में जाते हैं और महावीर जी की प्रतिमा का अभिषेक करते हैं.
इसके बाद महावीर जी की जयंती को मनाने के लिए एक शोभायात्रा का आयोजन किया जाता
हैं. अभिषेक करने के बाद महावीर जी की प्रतिमा को रथ के सिंहासन पर स्थापित किया
जाता हैं और उन्हें विभिन्न वस्तुओं से सजाया जाता हैं. इसके बाद जैन समुदाय के
लोग महावीर स्वामी पर चावल, फल, फूल, जल, सुगन्धित द्रव्य चढाते हैं तथा उनके रथ
के सिंहासन के ऊपर एक ध्वज लगाते हैं. इसके बाद महावीर स्वामी के सभी शिष्य एक साथ
इकट्ठे होकर पूरे हर्ष और उल्लास के साथ रथ की शोभयात्रा निकालते हुए मंदिर के आस –
पास के स्थानों पर जाते हैं. शोभायात्रा के समाप्त होने के बाद सभी लोग वापिस
मंदिर में आ जाते हैं और विभिन्न धार्मिक कार्यकर्मों में शामिल होते हैं.
महावीर
स्वामी जयंती के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी
हासिल कर सकते है.
Mahavir Swami |
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