महाराणा प्रताप जयंती (Maharana Pratap Jayanti)
महाराणा प्रताप भारत तथा
हिन्दू समुदाय के एक शूरवीर, साहसी और वीर योद्धा थे. प्रत्येक वर्ष महाराणा
प्रताप की जयंती ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष की तृतीया तीथी को मनाई जाती हैं.
जन्म (Birth) – महारण प्रताप का जन्म
9 मई 1540 को राजस्थान के कुम्भलगढ़ में हुआ था. महाराणा प्रताप मेंवाड,
उदयपुर के सिसोदिया राजवंश के राजा थे. इनके पिता का नाम महाराणा
उदयसिंह था तथा इनकी माता का नाम जीवत कंवर था. महाराणा प्रताप
का बचपन का नाम “कीका” था तथा इनकी माँ इन्हें इसी नाम से पुकारती थी.
महाराणा प्रताप का
राज्याभिषेक (Maharana Pratap
Coronation)
महाराणा उदयसिंह के काल में
मुगलों ने भारत में प्रवेश कर लिया था. भारत में प्रवेश करने के बाद मुगलों ने
पूरे भारत में अपना शासन फ़ैलाने के लिए सभी क्षेत्रों को अपने अधीन करने के लिए
भरसक प्रयास किये थे. जिसमें वो काफी हद तक सफल भी हो चुके थे. लेकिन चितौड़गढ़ एक ऐसा स्थान था. जहाँ
पर मुगलों को जीत हासिल नहीं हुई थी और वो निरंतर इस स्थान को अपने शासन में
सम्मिलित करने के लिए युद्ध लड़ रहे थे. सन 1572 में महाराणा प्रताप ने अपने
पिता महाराणा उदय सिंह के निधन के बाद सिसोधिया राजपूताना वंश की गद्दी सम्भाली. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT छत्रपति शिवाजी जयंती ...
Happy Maharana Pratap Jayanti |
साहसी महाराणा प्रताप (The Brave Person Maharana Pratap)
बचपन से ही महाराणा प्रताप
एक वीर साहसी तथा स्वाभिमानी योद्धा थे. महाराणा प्रताप को मुगलों की अधीनता
स्वीकार करना मंजूर नहीं था. इसलिए उन्होंने मेवाड़ को बचाने के लिए हर सम्भव
प्रयास किये थे. उन्होंने इसके लिए मुगलों से काफी युद्ध भी किये थे. महाराणा
प्रताप कभी मुगलों से
युद्ध नहीं जीत पायें. लेकिन यह भी सत्य हैं कि उन्होंने अपने राज्य में कभी भी
मुगलों को प्रवेश या हस्तक्षेप नहीं करने दिया. उन्होंने हर युद्ध में बड़े ही
धैर्य से और बुद्धिमानी से मुगलों का सामना किया. इन्होने अपनी मातृभूमि की तथा
हिन्दू समुदाय के लोगों की हमेशा रक्षा की तथा अपने पिता और पूर्वजों के सम्मान को
भी समाज में बनाये रखा.
हल्दीघाटी का युद्ध (The Haldighati War)
सन 1536 से भारत में मुगल सम्राट अकबर का शासनकाल था. 18
जून सन 1576 में महाराणा प्रताप तथा अकबर का युद्ध हल्दीघाटी पर हुआ था.
हल्दीघाटी का युद्ध एक ऐतिहासिक युद्ध था. यह युद्ध अकबर के द्वारा मेवाड़ को अपने
अधिकार क्षेत्र में लेने के लिए किया गया था. इस युद्ध से पहले भी अकबर ने चितौडगढ
तथा मेवाड़ पर काफी युद्ध किये थे तथा चितौड के किले की घेराबंदी कर दी थी. हर संभव
प्रयास करने के बाद भी मुग़ल अपने शासनकाल में चितौड तथा मेवाड़ को सम्मिलित नहीं कर पायें. क्योंकि
न ही उदयसिंह ने अकबर के समक्ष हार स्वीकार की तथा न ही उनके निधन के पश्चात् उनके
पुत्र महाराणा प्रताप ने हार स्वीकार की. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT भीमराव अम्बेडकर जयंती ...
महाराणा प्रताप जयंती मुबारक हो |
अकबर ने हल्दीघाटी का युद्ध
जितने के लिए आमेर के राजा मानसिंह को तथा आसफ खां को भेजा था. मुग़ल सेना
का सामना करने के लिए महाराणा प्रताप ने पूर्ण रूप से तैयारी की हुई थी और वो इस
युद्ध को लड़ने के लिए अपने साथ बीस हजार
राजपूत सेना लेकर गये थे. लेकिन उन्हें इस युद्ध में जीत हासिल नहीं हुई. हल्दीघाटी
के युद्ध में जीत हासिल न करने के बाद भी महाराणा प्रताप ने कभी मुगलों के सामने
अपना सिर कभी नहीं झुकाया. इन्होने अपने पूरा जीवन संघर्ष करते – करते व्यतीत
किया.
महाराणा प्रताप जयंती के बारे में
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