महाराजा अग्रसेन जयंती (Maharaja Agrasen Jayanti)
महाराजा अग्रसेन अग्रवाल समुदाय के लोगों के पितामह के रूप में जाने जाते हैं.
इनका जन्म 5000 वर्ष पूर्व द्वापर युग के समाप्त होने के तथा कलियुग के
प्रारम्भिक काल के अश्र्विन शुक्ल प्रतिपदा के सूर्यवंशी कुल में हुआ था. इनके
पिता प्रताप नगर के राजा वल्लभ थे.
समाजवाद के प्रणेता महाराज अग्रसेन (Maharaja Agrasen the Father of
Socialism)
महाराजा अग्रसेन एक प्रतापी तथा समाजवादी राजा थे. इन्होने अपने नगर में एक
आदर्श समाज की स्थापना की थी और इस समाज के कुछ नियम और कानून भी बनाये थे. जैसे –
इन्होनें अपने नगर को एक आदर्श समाज बनाने के लिए यह नियम लागू किया की उनके नगर
में जो भी व्यक्ति किसी अन्य नगर से आकार बसेगा. उस व्यक्ति को सभी लोग एक – एक ईट
तथा एक रुपया देकर इस नगर में बसने में उसकी सहायता करेंगें.
इन्होने अपने नगर से तंत्रीय शासन प्रणाली को हटाकर एक नई व्यवस्था का
पुनर्गठन किया. इन्होने अपने नगर में वैदिक सनातन आर्य संस्कृति के नियमों
का पालन करने पर जोर दिया, कृषि पर आधारित व्यापर को बढ़ावा दिया, गौपालन करने का
आदेश दिया, मानवीय मूल्यों की स्थापना की तथा नैतिक सिद्धांतों को पुर्नस्थापित
किया. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT झूलेलाल जयंती ...
Happy Maharaja Agrasen Jayanti |
महाराजा अग्रसेन के आदर्श (maharaja agrasen’s Ideal)
महाराजा अग्रसेन 108 वर्ष की आयु तक जीवित रहे. उन्होंने अपने जीवन में तीन
प्रमुख आदर्शों की स्थापना की थी. जिनकी जानकारी निम्नलिखित हैं –
1. लोकतान्त्रिक शासन व्यवस्था
2. आर्थिक समरूपता
3. सामाजिक समानता
महाराजा अग्रसेन ने अपने राज्य में इन तीनों
आदर्शों को स्थापित करने के लिए विद्यालय, बावड़ी, धर्मशालाएं बनवाई थी. इन्होने
अपना पूरा जीवन इन्हीं जीवन मूल्यों को स्थापित करने में व्यतीत कर दिया था.
अग्रवाल समाज की स्थापना (Installation of
Agarwal Society)
महाराजा अग्रसेन लक्ष्मी माता के परम भक्त थे.
इसलिए उन पर हमेशा लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती थी. ऐसा कहा जाता हैं कि लक्ष्मी
जी के ही कहने पर महाराजा अग्रसेन ने अग्रोहा धाम का निर्माण किया था. यह भी माना
जाता हैं कि महाराजा अग्रसेन 18 संतानों की प्राप्ति भी लक्ष्मी जी के वरदान देनें
के फलस्वरूप हुई थी. लक्ष्मी जी के वरदान के बाद महाराजा अग्रसेन को 18 पुत्रों की
प्राप्ति हुई. जिसके बाद उन्हें गर्ग मुनि ने 18 यज्ञ करवाने का प्रण दिया. इस
प्रण को पूरा करने के लिए महाराजा अग्रसेन ने 18 ऋषियों को आमंत्रित किया और
प्रत्येक पुत्र से यज्ञ करवाया. इन यज्ञों को करवाते समय ही प्रत्येक ऋषि ने
महाराजा अग्रसेन के हर पुत्र को एक गोत्र प्रदान किया. जिन गोत्रों को मिलाकर ही
अग्रवाल समाज की स्थापना की गई. इन गोत्रों की सूचि नीचे दी गई हैं – CLICK HERE TO READ MORE ABOUT शंकराचार्य जयंती ...
महाराजा अग्रसेन जयंती की शुभकामनाएं |
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गर्ग
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गोयल
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गोइन
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बंसल
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कंसल
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सिंघल
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मंगल
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जिंदल
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तिंगल
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ऐरन
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धारण
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मन्दल
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बिंदल
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मित्तल
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कुच्छल
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मधुकुल
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भन्दल
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नांगल
अग्रसेन जयंती कैसे मानी जाती हैं (How to Celebrate Agrasen Jayanti)
महाराजा अग्रसेन जी की जयंती प्रतिवर्ष नवरात्री के प्रथम दिन मनाई जाती हैं. इस दिन अग्रवाल समाज के सभी लोग एकत्रित होकर महाराजा अग्रसेन जी की प्रतिमा को स्थापित कर एक शोभायात्रा निकालते हैं. कुछ स्थानों पर इस दिन नाटक प्रतियोगिता तथा बच्चों के खेल का भी आयोजन किया जाता हैं.
महाराजा अग्रसेन के बारे में अधिक जानने के लिए
आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते है.
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