ईद उल जुहा या बकरीद (Eid Ul Juha ya Bakrid)
ईद उल – जुहा या बकरीद
मुस्लिम समुदाय के लोगों का धार्मिक त्यौहार हैं. इसे त्याग व समर्पण के
त्यौहार के रूप में भी जाना जाता हैं. वैसे मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा
बनाई जाने वाली ईद वर्ष में दो बार आती हैं. जिनका विवरण नीचे दिया गया हैं –
1.
ईद उल फितर (Eid Ul Fitar)
– इद उल फितर मुस्लिम समुदाय के लोगों द्वारा मनाई
जाने वाली पहली ईद होती हैं. जिसे मीठी ईद के नाम से भी जाना जाता हैं. यह
ईद रमजान के पाक महीने में रोजों के समाप्त होने के पश्चात्
इस्लामिक कलैंडर के अनुसार वर्ष के दसवें महीने जिसे “शव्वाल” के
नाम से जाना जाता हैं. उस महीने की दूज
को चाँद के निकलने और रमजान के महीने के समाप्त होने की ख़ुशी में मनाया
जाता हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT ईद - उल - फितर ...
Happy Eid Ul Juha |
2.
ईद – उल जुहा या बकरीद (Eid Ul Juha,
Bakrid) – बकरीद ईद उल फितर के बाद मनाई जाती हैं. इसे बड़ी ईद तथा ईद उल अधा
के नाम से भी जाना जाता हैं. मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा इस ईद को हज
(एक धार्मिक यात्रा) की समाप्ति की ख़ुशी में मनाया जाता हैं. इस दिन मुस्लिम
समुदाय के लोगों के द्वारा बकरे की कुर्बानी दी जाती हैं.
हज यात्रा मुस्लिम समुदाय
का पांचवा फर्ज
प्रत्येक धर्म के कुछ नियम
व कायदे होते हैं इसी प्रकार मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए भी अल्लाह ने कुछ
नियम तथा फर्ज बनाएं हैं. हज मुस्लिम समुदाय के लोगों के विशेष पांच
फर्जों में से अंतिम फर्ज हैं. इस पांचवें व अंतिम हज करने की प्रथा एक
अनिवार्य फर्ज हैं. इसके पीछे मानयता यह हैं कि मुस्लिम समुदाय के लोगों को अपने
जीवन में एक बार मक्का – मदीना की यात्रा अवश्य करनी चाहिए. मक्का – मदिना की यह यात्रा ही हज कहलाती
हैं. हर साल मुस्लिम समुदाय के बहुत से लोग हज करने के लिए जाते हैं. इस हज की
यात्रा समाप्त करने की ख़ुशी में ही बकरीद का त्यौहार मनाया जाता हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT जमात - उल – विदा ...
बकरीद की मुबारकबाद |
बकरे का बलिदान
मुस्लिम समुदाय के लोगों के
लिए बलिदान बहुत ही महत्व रखता हैं. मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा बकरीद के
अवसर पर अपनी सबसे प्यारी वस्तु का या जानवर का बलिदान करना अल्लाह में अपनी आस्था
प्रकट करने का प्रतीक माना जाता हैं.
बकरीद के मौके पर विशेष रूप
से बकरे की बलि ही अधिक दी जाती हैं. इस दिन बकरे की बलि चढाने के लिए ऐसे बकरे को
चुना जाता हैं. जो शारीरिक रूप से बिल्कुल स्वस्थ हो अर्थात उसके शरीर पर न ही
किसी प्रकार के धब्बे हो तथा न ही उसे किसी भी प्रकार की बिमारी हो. बकरे की
कुर्बानी देने की इस परम्परा को मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा गोश्त कहा
जाता हैं.
बकरीद का इतिहास (History of Bakarid)
मुस्लिम समुदाय के लोगों के
अनुसार इब्राहीम की परीक्षा लेने के लिए अल्लाह ने इब्राहीम को अपने पुत्र इस्माइल
की बलि चढाने का आदेश दिया. क्योंकि इस्माइल इब्राहिम को अपने जीवन में सबसे
प्यारा था. इब्राहीम अपने पुत्र को अल्लाह के कहने पर बलि चढाने के लिए तैयार हो
गये. लेकिन उन्हें ऐसा अहसास हुआ कि पुत्र प्रेम उन्हें अपने पुत्र की बलि चढाने
नहीं देगा. इसलिए उन्होंने अपने आँखों पर पट्टी बांध ली और अपने बेटे की कुर्बानी
दे दी. लेकिन जब इब्राहीम ने अपनी आँखों पर से पट्टी हटाई तो उन्हें अपने सामने
उनका बेटा इस्माइल जीवित खड़ा दिखा और अल्लाह की बेदी पर एक कटे हुए मेमने को पड़ा
हुआ देखा. उस दिन से ही प्रतिवर्ष बकरीद के अवसर पर अल्लाह को बकरे तथा मेमने की
बलि चढाई जाती हैं.
Happy Eid Ul Juha or Bakrid Wallpapers |
बकरीद कैसे मनाई जाती हैं (How to Celebrate Bakarid)
बकरीद के त्यौहार को
मुस्लिम समुदाय के लोगों के द्वारा बड़े ही उत्साह से मनाया जाता हैं. इस दिन
मुस्लिम समुदाय के लोग बकरे की बलि देते हैं. इसके बाद जिस प्रकार ईद उल फितर में
नमाज अदा करने के बाद लोगों में जकात बांटी जाती हैं. ठीक उसी प्रकार इस दिन बकरे
की बलि चढाने के बाद उसके तीन हिस्से कर दिए जाते हैं. इसमें से पहला हिस्सा
गरीबों व्यक्तियों को दिया जाता हैं. दूसरा हिस्सा अपने मित्र तथा रिश्तेदारों में
बाँटा जाता हैं तथा तीसरा हिस्सा अपने घर ले जाया जाता हैं.
ईद उल
जुहा या बकरीद तथा ईद उल फितर के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट
करके जानकारी हासिल कर सकते है.
ईद उल जुहा या बकरीद की मुबारकबाद |
Happy Eid Ul Juha or
Bakrid, ईद उल जुहा या बकरीद की
मुबारकबाद, Bakarid, बकरीद, Bakarid ka Itihas, Eid Ul
Fitar, Haj, Eid Ul Juha Par Bakre ki Kurbani,
Eid Ul Juha, Badi Eid, ईद उल जुहा, Eid Ul Juha Bakrid Images Wallpapers SMS Wishes
Quotes.
YOU MAY ALSO LIKE
- श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं
No comments:
Post a Comment