छत्रपति शिवाजी जयंती (Chhatrapati Shivaji Jayanti)
शिवाजी का पूरा नाम शिवाजी
राजे भोंसले था. ये एक साहसी, वीर योद्धा थे. इस लिए इन्हें छत्रपति शिवाजी के
नाम से भी जाना जाता हैं. इनका जन्म पश्चिम भारत के मराठा में हुआ था तथा
ये मराठा साम्राज्य के स्थापक भी थे. इनके पिता का नाम शाहजी भोसलें
था और माता का नाम जीजाबाई था. शिवाजी को सेनानायक के नाम से
भी जाना जाता हैं. क्योंकि शिवाजी एक सफल सेनापति भी थे.
शिवाजी की शिक्षा (Shivaji ‘s Education)
– शिवाजी ने शिक्षा – दीक्षा अपनी माता जीजाबाई
से प्राप्त की थी. इनकी माता एक धार्मिक महिला थी. इसलिए इन्होने महाराज शिवाजी को
धार्मिक शिक्षा दी थी. शिवाजी ने शस्त्रों का प्रयोग करने की शिक्षा तथा युद्ध
लड़ने की शिक्षा अपने दादाजी कोंदेव से प्राप्त की थी. इन दोनों ने ही मिलकर
शिवाजी में हिन्दुतत्व की भावना का प्रसार किया था और उसे अपने धर्म की रक्षा कैसे
करनी चाहिए. इसके लिए शास्त्रार्थ ज्ञान भी दिया था. CLICK HERE TO READ MORE ABUOT रामकृष्ण परमहंस जयंती ...
Happy Chhatrapati Shivaji Jayanti |
शिवाजी एक शक्तिशाली वीर
योद्धा (A Powerful Warrior Shivaji)
शिवाजी का 20 वर्ष की
आयु में राज्याभिषेक कर दिया गया था. जिसके बाद इन्होने मराठा साम्राज्य की
सारी जिम्मेदारियों को भली - भांति सम्भाल लिया था. शिवाजी एक कुशाग्र बुद्धि के
शासक थे तथा ये हमेशा अपने समय की धार्मिक, सामाजिक, सांकृतिक परिस्थितियों के
प्रति सजग रहते थे. शिवाजी एक सच्चे राष्ट्र भक्त थे. इनमें बचपन से ही हिन्दुत्व
की भावना कूट – कूट कर भरी हुई थी. इसलिए ये सदैव हिन्दू समुदाय की तथा ब्राह्मणों
की रक्षा करते थे. इनके आध्यात्मिक गुरु रामदास थे. जिन्होंने ने इन्हें
देशोध्दार के लिए प्रेरित किया तथा इनमें देश – प्रेम की भावना का प्रसार किया. छत्रपति
शिवाजी एक प्रतिभावान व्यक्ति थे. उन्होंने अपनी प्रतिभा और बुद्धि का इस्तेमाल
करके ही महाराष्ट्र की अनेक जातियों को एक कर दिया, मराठा के छोटे से साम्राज्य का
विस्तार कर एक शक्तिशाली साम्राज्य की स्थापना की. शिवाजी सभी को एक समान नजरिये
से देखते थे. इसलिए उन्होंने अपने साम्राज्य में तथा अपनी सेना में सभी समुदायों
एवं जातियों के व्यक्तियों को सैनिक और मंत्रियों के रूप में स्थान दिया था.
शिवाजी अपनी प्रजा के लिए एक आदर्श शासक भी थे.
छत्रपति शिवाजी के समयकाल
से पहले ही भारत में मुगलों ने प्रवेश कर लिया था. मुगलों के प्रसिद्ध शासक अकबर
इनका समकालीन शासक था. सम्राट शिवाजी ने अपने देश, हिन्दू समुदाय तथा ब्राह्मणों
की रक्षा करने के लिए मुग़ल बादशाह अकबर से काफी युद्ध भी किये थे. छत्रपति शिवाजी
ने मुगलों को का सामना करने के लिए मवाल क्षेत्र के युवाओं को एकत्रित कर
एक सेना का संगठन भी किया था तथा सेना के युवकों को युद्ध लड़ने की शिक्षा भी दी
थी. इस संगठन की सहायता से ही इन्होने मुगलों से युद्ध कर जावली, रोहिडा,
जुन्नार, कोंकण तथा कल्याणी आदि कई स्थानों पर जीत हासिल कर इनकों अपने
साम्राज्य में शामिल भी कर लिया था और रायगढ़ को मराठा की राजधानी
बना लिया था. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT सुभास चन्द्र बोस जयंती ...
छत्रपति शिवाजी जयंती की शुभकामनाएं |
गोरिल्ला युद्ध नीति (Gorilla Warfare)
शिवाजी एक कुशल, साहसी तथा
शूरवीर योद्धा थे. इन्होनें मुग़ल बादशाह अकबर के बाद औरंगजेब से भी कई युद्ध किये
थे जिसमें इन्होने उसे पराजित कर विजय भी हासिल की थी. छत्रपति शिवाजी ने औरंगजेब
को हराने के लिए गोरिल्ला नीति को अपनाया था. गोरिल्ला रणनीति युद्ध की एक छापामार
रणनीति हैं. इस रणनीति का ही प्रयोग कर शिवाजी में अफजल खां की हत्या
की थी तथा औरंगजेब के किले में घुसकर वापस आ गये थे.
शिवाजी जयंती कैसे मनाई
जाती हैं (How to Celebrate
Shivaji Jayanti)
प्रत्येक वर्ष मार्च महीने
की 26 तारीख को भारत के सभी स्कूलों में शिवाजी जयंती मनाई जाती हैं. इस दिन सभी
स्कूलों में शिवाजी जयंती मनाने के लिए विशेष आयोजन भी किये जाते हैं. शिवाजी
जयंति के अवसर पर इस दिन स्कूल में पढने वाले छात्रों को शिवाजी की बहादूरी और
वीरता के किस्से सुनाए जाते हैं, इस दिन स्कूलों में कुछ वीरता पूर्ण करतब छात्रों
को प्रेरित करने के लिए लिए दिखाए जाते हैं तथा छात्रों से महाराज शिवाजी एक वीर,
शक्तिशाली योद्धा के रूप में विषय से सम्बन्धित लेख लिखवाएं जाते हैं.
शिवाजी
जयंती के बारे में अधिक जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर
सकते है.
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