1.
ह्रदय रोग – यदि कोई व्यक्ति ह्रदय रोग से अधिक परेशान हो तो वह इस
बीमारी से छुटकारा पाने के लिए बेल के पेड़ की छाल का प्रयोग कर सकता हैं. हृदय रोग
से निजात पाने के लिए बेल के पेड़ की 100 ग्राम छाल लें और उसे अच्छी तरह से कूट
लें. अब एक बर्तन में आधा किलो गाय का दूध लें और उसमें छाल का चुर्ण और चीनी मिला
लें. अब इस दूध का सेवन प्रतिदिन करें. इस दूध का प्रतिदिन सेवन करने से कुछ ही
दिनों में आपको हृदय रोगों से मुक्ति मिल जायेगी.
2.
बच्चों को जुखाम, खांसी तथा कब्ज की बिमारी – बच्चों को सर्दी के
दिनों में ठंड बहुत ही जल्दी लग जाती हैं. जिसके कारण उन्हें जुखाम, खांसी, तथा
कब्ज की शिकायत हो जाती हैं. आप बच्चों को इन बिमारियों से बचाने के लिए भी बेल का
प्रयोग कर सकते हैं. इन बिमारियों से बच्चों को राहत दिलाने के लिए बेल के पत्तें
लें और उसे अच्छी तरह से पीस कर इसका रस निकाल लें. अब एक चम्मच शहद लें और उसे
इसमें मिला लें. रोजाना दिन में दो या तीन बार बच्चे को बेल की पत्तियों का रस
चटाने से जल्द ही बच्चे को इन बिमारियों से मुक्ति मिल जायेगी. बेल के पत्तों का
रस चटाने से खांसी, जुखाम की बिमारी तो ठीक हो ही जाती हैं, इसके साथ ही ठंड के
दिनों में बच्चे के शरीर पर ठंड का प्रभाव काम पड़ता हैं. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT बेल एक महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक फल ...
Bel ka Deshi Ghreloo Ilaaj Mein Prayog |
3.
पेट के कीड़े – यदि अधिक मीठा खाने से आपके बच्चे के पेट में कीड़े हो गएँ तो आप इन कीड़ों को नष्ट करने
के लिए भी बेल के पत्तों के रस का इस्तेमाल कर सकते हैं. पेट के कीड़ों को नष्ट
करने के लिए रोजाना एक चम्मच बेल के पत्तों का रस बच्चे को पिलायें. लगातार बेल के
पत्तों के रस का सेवन करने से आपके बच्चे के पेट के कीड़े मर जायेंगे.
4. बहरापन – अगर किसी व्यक्ति को कम
सुनता हैं तो वह ठीक तरह से सुनने के लिए भी बेल के गूदे का इस्तेमाल कर सकता हैं.
इसके लिए बेल का गूदा लें और गौमूत्र लें. अब बेल के गूदे को गौमूत्र में मिलाकर
पीस लें. इसके बाद एक बर्तन में इस मिश्रण को डालें और उसमें सरसों का या तिल का
तेल डालकर इस मिश्रण को हल्की आँच पर भून लें. भूनने के बाद इस तेल की दो – दो बूंदें अपने दोनों कान में डालें. रोजाना
इस तेल की दो – दो बूंदों को कान में डालने से कुछ ही दिनों में आप साफ सुनने लग
जायेंगें.
5.
दमा – यदि दमे की बिमारी के कारण आपकी सांस थोडा सा भी काम
करने के कारण फूलने लग जाती हैं तो आप इस बीमारी से राहत पाने के लिए भी बेल की
पत्ती का प्रयोग कर सकते हैं. दमे की बिमारी से छुटकारा पाने के लिए 20 – 25 बेल
के पत्ते लें और इन्हें पीसकर काढ़ा बना लें. अब रोजाना काढ़े का सेवन करें. रोजाना
बेल के पत्तों का काढ़ा पीने से आपको दमे की बीमारी से छुटकारा मिल जाएगा.
6.
ज्वर – यदि किसी व्यक्ति को बुखार हो गया हैं और उसके शरीर का
तापमान निरंतर बढ़ता जा रहा हैं तो उसके लिए भी बेल का फल बहुत ही फायदेमंद होता
हैं. ज्वर से मुक्ति पाने के लिए कच्चे बेल का एक चम्मच चुर्ण लें और इसका रोजाना
सेवन करें. रोजाना कच्चे बेल के चुर्ण को खाने से जल्द ही आपको ज्वर की बिमारी से
छुटकारा मिल जाएगा.
7.
गर्भवती महिला के वमन, विकार, अतिसार, ज्वर – यदि किसी गर्भवती महिला
वमन, अतिसर, ज्वर या किसी अन्य विकार के रोग के कारण परेशान हैं तो इन रोगों के
निदान के लिए भी वह बेल के फल का इस्तेमाल कर सकती हैं. बेल का फल गर्भावस्था के
लिए बहुत ही लाभदायक होता हैं. गर्भावस्था के दौरान इन सभी रोगों से छुटकारा पाने
के लिए बेल का कच्चा फल लें और उसके अंदर का गूदा निकाल लें.
8.
बवासीर – बवासीर जैसे गंभीर रोग के
लिए भी बेल का रस बहुत ही उपयोगी होता हैं. बवासीर के रोग से राहत पाने के लिए
रोजाना बेल के पत्ते के रस को पीना चाहिए. प्रतिदिन बेल के पत्ते का रस पीने से
बवासीर के मस्से सुख जाते हैं और जिससे यह रोग जल्द ही ठीक हो जाता हैं.
9. सिरदर्द – यदि किसी व्यक्ति के सिर में हमेशा दर्द रहता हैं तो वह इस
समस्या से मुक्त होने के लिए बेल के पेड़ की जड का इस्तेमाल कर सकता हैं. बेल के
पेड़ की जड सिरदर्द के लिए अधिक लाभकारी सिद्ध होती हैं. सिरदर्द की समस्या से
निजात पाने के लिए बेल के पेड़ की सूखी जड लें और इसे पानी के साथ पीस लें. अब इस
लेप को अपने मस्तिष्क पर लगा लें. बेल के पेड़ की सूखी हुई जड का लेप करने से सिर
का दर्द कुछ ही समय में बिल्कुल खत्म हो जाता हैं.
10. खूनी दस्त या आंवशूल (पेचिस) – यदि कोई व्यक्ति खूनी दस्त
या पेचिस के रोग से ग्रस्त हैं और इन रोगों से अधिक परेशान हो गया हैं तो वह इन
रोगों के निदान हेतु कच्चे बेल का प्रयोग कर सकता हैं. इन बिमारियों से मुक्त होने
के लिए गुड़ ले और कच्चे बेल का फल लें. अब इन दोनों को मिला लें और इसका सेवन दिन
में एक बार करें. 15 – 20 दिनों तक रोजाना इस मिश्रण का सेवन करने से आपको जल्द ही
खूनी दस्त और पेचिस की बीमारी से मुक्ति मिल जायेगी.
11. मूत्रावरोध – यदि किसी व्यक्ति को दिन में कई बार मूत्र रुक – रुक कर
आता हैं तो वह इस परेशानी को दूर करने के लिए भी कच्चे बेल का प्रयोग कर सकता हैं.
इस परेशानी से निजात पाने के लिए कच्चे बेल का गूदा लें और उसे पीस लें. अब बेल के
पिसे हुए गूदे को एक गिलास दूध में डालकर घोंट लें. अब इस दूध को छान लें और इसमें
2 चम्मच चीनी मिला लें. अब आधा कप दूध का सेवन रोजाना सुबह और शाम करें. रोजाना
दिन में दो बार बेल के गूदे को दूध में मिलाकर पीने से जल्द ही आपको मूत्रावरोध की
समस्या से मुक्ति मिल जाएगी.
12. कांख की दुर्गन्ध – गर्मियों के दिनों में
अक्सर कई लोगों की कांख में से बदबू आती हैं. जिसके कारण उन्हें कुछ स्थानों पर
शर्मिंदा भी होना पड़ता हैं. यदि आपकी कांख में से भी बदबू आती हैं तो इस बदबू से
छुटकारा पाने के लिए भी अप बेल का प्रयोग कर सकते हैं. कांख की दुर्गन्ध को दूर
करने के लिए बेल लें और हरड लें. अब इन दोनों की एक समान मात्रा लेकर इन्हें पीसकर
बारीक़ चुर्ण बना लें. अब इस चुर्ण को प्रतिदिन स्नान करने के बाद लगायें. रोजाना
इस चुर्ण का इस्तेमाल करने से आपके कांख से दुर्गन्ध आना बंद हो जायेगी.
13. दिमाग की थकान – कुछ लोग बिना रुके कई घंटों तक निरंतर काम
करते रहते हैं. जिसका सीधा असर उसके दिमाग पर पड़ता हैं और व्यक्ति को थकान महसूस
होती हैं. यदि आपको भी दिमागी थकान महसूस होती हैं तो आप इस थकान से राहत पाने के
लिए बेल के गूदे का प्रयोग कर सकते हैं. इसके लिए एक मिटटी का बर्तन लें और उसमें
पानी डालकर इसमें बेल का गूदा डाल दें. अब इस बर्तन को एक साफ कपडे से ढक दें.
सुबह उठने के बाद इस बर्तन में से गूदा निकाल दें और इस पानी को छान लें. अब इस
पानी में 1 चम्मच शहद मिलाकर इसे पी लें. रोजाना दिन में एक बार इस पानी को पीने
से दिमागी थकान दूर हो जायेगी. CLICK HERE TO READ MORE ABOUT बेल के औषधीय प्रयोग ...
बेल का देशी घरेलू इलाज में प्रयोग |
14. मुंह आने पर – यदि किसी व्यक्ति के मुंह में छाले हो गये हैं
तो वह व्यक्ति इन छालों से मुक्ति पाने के लिए भी बेल का इस्तेमाल कर सकता हैं.
मुंह के छालों को ठीक करने के लिए बेल का गूदा लें और उसे पानी में डालकर कर उबाल
लें. अब उबले हुए पानी में से बेल का गूदा छान कर अलग कर दें और इस पानी से दिन
में 5 या 6 बार कुल्ला करें. 2 या 4 दिनों तक इस पानी से रोजाना कुल्ला करने आपके
मुंह के छाले जल्द ही ठीक हो जायेंगे.
15.प्यास की तेजी – यदि किसी व्यक्ति को गर्मी
के दिनों में कई बार प्यास लगती हैं तो वह इस समस्या से निजात पाने के लिए भी बेल
का प्रयोग कर सकता हैं. इसके लिए 40 ग्राम बेल का गूदा लें और इसे 200 मि.ली पानी
में डाल दें. अब इस पानी को उबलने के लिए रख दें. अब पानी को तब तक उबालें जब तक
की बर्तन का पानी आधा न रह जाएँ. जब बर्तन में आधा पानी शेष रह जाएँ तो इस पानी को
उतार लें और उसे थोडा ठंडा कर लें. ठंडा करने के बाद इस पानी में थोड़ा नमक मिलाएं
और इस पानी का सेवन करें. गर्मी के दिनों में रोजाना सुबह बेल के गूदे के पानी को पीने से आपको ज्यादा प्यास नहीं लगेगी.
इसके साथ ही इस पानी को पीने से आपके गले को ठंडक भी मिलेगी.
बेल का देशी घरेलू इलाज में प्रयोग के बारे में अधिक जानने
के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते है.
Native Home Treatment From Bel |
Bel ka Deshi Ghreloo Ilaaj Mein Prayog, बेल का देशी घरेलू इलाज
में प्रयोग, Native Home Treatment From Bel, Bel, Rogon se Mukt Hone ke Liye Bel ka Upyog, Dama Sans
ki Bimari Jvar Sirdard Khansi- Jukham Pet ke Kide Hriday Rog Mein Bel ka
Istemal,बेल .
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