तंत्र क्या है
आपने भी कई बार तंत्र टोने टोटके या जादू का नाम सुना होगा.
ये नाम सुनकर आपके मन में भी इन्हें जानने की इच्छा होती होगी. लेकिन क्या आपको
पता है की ये तंत्र क्या होते है और इनसे क्या हो सकता है ? तत्र कोई बुरी विद्या
नहीं है बल्कि इसका इस्तेमाल तो व्यक्ति अच्छे काम के लिए कर सकता है. यह मनुष्य
के दुखो को दूर करने की विद्या है इसका इस्तेमाल करके मनुष्य अपनी परेशानियों को
दूर कर सकता है और स्वयं को स्वस्थ रख सकता है. स्वयं पर नियंत्रण रखने के लिए भी
तंत्र विद्या बहुत ही लाभकारी है.
तंत्र शब्द को सुनकर ही
इसके बारे में जाना जा सकता है. तंत्र –मतलब तन से जुडी विद्या या फिर ऐसी विद्या
जिसको पाने के लिए तन का परिश्रम बहुत जरुरी है. इसको आप इस प्रकार कह सकते है कि
ऐसी सिद्धियाँ जिन्हें प्राप्त करने के लिए तन को साधना बहुत जरुरी होता है बिना
इसके यह संभव नहीं है. इस गतिविधि में शरीर केंद्र की भूमिका निभाता है. इस तंत्र
को भगवान शिव ने शुरू किया था. शिव और शक्ति को ही तंत्र का देवता माना जाता है.
अगर शिव और शक्ति का नाम ना हो तो कभी भी तंत्र की सिद्धि नहीं की जा सकती.
ज्यादातर लोगो को तंत्र के बारे में ज्ञान नहीं है और यह अज्ञानता ही उन्हें इस
तंत्र से डराती है. तंत्र एक प्रकार का नहीं होता इसके कई प्रकार होते है कई पंथ
और शैलियाँ होती है. इनका जिक्र वेदों और ग्रंथो में भी है और तभी से यह हमारे साथ
जुड़ा हुआ है. तंत्रों में कुछ मंत्र इस तरह के होते है जिनका नाता दैवीय शक्तियों
से होता है और वे उन्ही शक्तियों की तरह काम भी कर सकते है. इसके लिए उनका सही तरह
से इस्तेमाल और सिद्धि करनी जरुरी होती है. वैदिक काल से सम्बन्ध होने के कारण उस
समय के तंत्र, तांत्रिक और टोटके का नाम आता है तो मनुष्य के मन में डर उत्पन्न हो
जाता है और वो यह जानने की कोशिश करता है कि तंत्र क्या है और यह किस तरह काम करता
है. अक्सर तंत्र का नाम सुनकर मन में विचार आता है कि तंत्र से किसी का नुक्सान
होता है या फिर यह किसी को परेशानी में डाल सकता है जबकि ऐसा नहीं है. तंत्र का
इस्तेमाल करके शरीर को नियंत्रण में रखा जा सकता है और अपनी शारीरिक परशानी भी दूर
की जा सकती है.
तंत्र क्या है |
Tantra Kya Hai |
तंत्र का
इस्तेमाल हम 6 तरह के कार्यो में कर सकते है.
1.
वशीकरण : वशीकरण का मतलब है किसी को अपने वश में कर लेने या
किसी को अपनी तरफ आकर्षित कर लेना. इसका इस्तेमाल कर के हम किसी पर भी अपना वशीकरण
कर सकते है और अपना इच्छित काम करवा सकते है. इसके अलावा यदि कोई अपना हमसे दूर है
तो उसे भी वापस ला सकते है. इसके अनेको फायदे है जिनका हम रोजाना ज़िदगी में लाभ ले
सकते है.
2.
मारन : यदि कोई हमारा दुश्मन हमें परेशान करता है या हमारे
काम में रुकावट बनता है तो यह उस स्थिति में बहुत लाभदायक है. इसके इस्तेमाल से हम
अपने दुश्मन से मिलने वाले कष्टों से छुटकारा पा सकते है. इससे हम अपने दुश्मन को
कष्ट दे सकते है ताकि वह दोबारा हमें परेशान न करे.
3.
उच्चाटन ; उच्चाटन के द्वारा हम शत्रु को इस कदर परेशान कर
सकते है कि वह उस काम को छोड़ देगा जिस से आपको परेशानी हो रही है या फिर मोह भंग
करने के लिए भी इसका इस्तेमाल उपयुक्त है.
Tantra ke Prayog |
4.
मोहन : इसका उपयोग करके आप व्यक्तियों के एक समूह को मोहित
कर सकते है.समूह के सभी व्यक्ति ऐसा करेंगे जैसा आप चाहते है या जो आप मनवाना
चाहते है.
5.
विद्वेषण : यदि आपके दुश्मनों की संख्या ज्यादा है और वे आपसे संभल नहीं रहे
है या आप उनका सामना करने में समर्थ नहीं है तो आप विद्वेषण का इस्तेमाल करके अपनी
परेशानी दूर कर सकते है. इसका इस्तेमाल दो या अधिक व्यक्तियों को आपस में लड़वाने
के लिए किया जाता है और उनकी लड़ाई इतनी भयंकर होती है की वे एक दुसरे की जान भी ले
सकते है.
स्तम्भन : इसका इस्तेमाल आप जब
कर सकते है जब आप का दुश्मन आपको अपनी बुद्धि के बल से पराजित कर रहा होता है.
इसका इस्तेमाल करने से आपके दुश्मन की बुद्धि भ्रष्ट हो जाएगी. जो वह करना चाहता
है नहीं कर पायेगा. इसका अलावा उसकी समझ में भी गड़बड़ हो जाएगी उसको पता भी नहीं
चलेगी की वो जो काम कर रहा है वह सही है या गलत.
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