सोये हुए भाग्य को जगाने के
लिए उपाय
भाग्य को अनेक नामों से
जाना जाता हैं. भाग्य के लिए अंग्रेजी भाषा में लक ( Luck ) शब्द का प्रयोग या जाता हैं
तो वहीं हिंदी भाषा में इसके लिए भाग्य तथा किस्मत आदि शब्दों का प्रयोग किया जाता
हैं. उर्दू भाषा में इसके लिए तकदीर शब्द प्रचलित हैं. हिन्दू धर्म में भाग्य को
कर्मो की देन माना जाता हैं ( अर्थात जैसा आदमी कर्म करता है उसका कर्म ही उसका
भाग्य बनता है ). मुस्लिम धर्म में इसे अल्लाह की देन माना गया हैं. सिख धर्म में
भाग्य को वाहे गुरु की देन कहते हैं तो वहीं ईसाई धर्म को मानने वाले लोग इसे गॉड
की देन मानते हैं.
भाग्य व्यक्ति के जीवन का
वह पक्ष होता हैं, जिसके बदलने पर व्यक्ति जीवन की सफलता की ऊँचाइयों को छु सकता
हैं. अगर व्यक्ति भाग्यशाली हैं अर्थात भाग्य उसके साथ हैं तो उसे आगे बढने से कोई
ताकत नहीं रोक सकती.
किसी भी व्यक्ति के
भाग्यशाली होने या भाग्यहीन होने में ग्रहों का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान होता
हैं. मनुष्य जीवन में ग्रहों की चाल बाल्यावस्था से ही शुरू हो जाती हैं. बच्चा
चाहें किसी भी धर्म में जन्म ले, उसे जन्म से लेकर अंत तक फल ग्रह ही देते हैं.
बच्चे पर ग्रह का प्रभाव हमेशा पड़ता हैं. चाहें वह किसी भी देश में निवास करता हो. CLICK HERE TO READ SIMILAR POSTS ...
Soye Bhagy ko Jagane ke Tone Totke |
मनुष्य जीवन में ग्रहों का
प्रभाव सभी पर समान पड़ता हैं. अगर ग्रहों का प्रभाव सभी पर समान नहीं पड़ता तो
समुन्द्र में ज्वार – भाटा कभी नहीं आता, अगर ग्रहों का प्रभाव सभी पर समान रूप से
नही पड़ता तो अमावस्या के दिन हत्या या आत्महत्या नहीं होती, और न ही किसी को
पूर्णिमा के दिन पागलपन का दौरा पड़ता. अगर ग्रहों का प्रभाव सभी पर समान रूप से
नहीं पड़ता तो पूर्णिमा के दिन मनुष्य की कामवासना की इच्छा भी अधिक प्रबल नहीं
होती.
अगर किसी व्यक्ति कि कुंडली
में भाग्य का स्थान नवम भाव में हैं तो यह भाव व्यक्ति के लिए बहुत ही शुभ होता
हैं. कुंडली में भाग्य का स्थान नवम भाव में होने से व्यक्ति को धन, यश और
प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती हैं. नवम भाव की शुभ स्थिति तथा भावेश की शुभ स्थिति
व्यक्ति को भाग्यशाली बनाने में बहुत ही सहायक होती हैं. तो वहीं अगर इस भाव का
स्वामी और उसके ग्रह की दृष्टी पड़ने से व्यक्ति भाग्यशाली और भागहीन भी बन जाता
हैं.
नवजात बच्चों का जन्म भी
ग्रहों की उपस्थिति में ही होता हैं. यहाँ तक की कृत्रिम गर्भाधान भी शुभ ग्रहों
की उपस्थिति में ही होता हैं. शुभ ग्रहों की ही भांति कुछ अशुभ ग्रह होते हैं
जिनका असर बच्चों के पुरे जीवन पर पड़ता हैं. हम बच्चे के अशुभ ग्रह को बदल भी सकते
हैं. बच्चे का ग्रह परिवर्तन उसके जन्म लेने से पहले शुभ
ग्रहों की स्थिति के अनुसार जन्म करवाकर करवाया जा सकता हैं. ग्रहों को बदलने
के लिए ही कुछ व्यक्ति शुभ मुहर्त में सिजेरियन ऑपरेशन करवाकर प्रसव करवा लेते
हैं. जोकि पूरी तरह से एक गलत प्रक्रिया हैं.
अगर नवम भाव अशुभ प्रभाव
में हो तो सबसे पहले इस प्रभाव को दूर करने के लिए उपाय करना चाहिए. जो कि
निम्नलिखित हैं –
1.
अगर नवम भाव अशुभ प्रभाव
में हैं तो इस प्रभाव को दूर करने के लिए सबसे पहले ग्रहों को शुभ स्थान में लाने
की आवश्यकता होती हैं. ग्रहों को शुभ स्थान में लाने के लिए इन ग्रहों से
सम्बन्धित वस्तुओं को शुभ भाव में स्थापित करना चाहिए. इसे हम कुछ उदाहरणों के
द्वारा समझ सकते हैं. CLICK HERE TO READ SIMILAR POSTS ...
सोये भाग्य को जगाने के टोने टोटके |
उदाहरण – 1. यदि हमें किसी ग्रह को शुभ लग्न में लाना हैं तो इसके
लिए हमें इस ग्रह से सम्बन्धित रत्न को शुभ मुहर्त में अपने गले में धारण करना
चाहिए.
2.
ऐसे ही अगर शुभ ग्रह को
भाग्य में लाना हैं तो हमे ग्रह से सम्बन्धित वस्तु का दान उस ग्रह के वार को
मंदिर में करना चाहिए तथा दान करने के अगले दो दिनों तक हमें वहाँ नहीं जाना
चाहिए.
इन उपायों को करने से शुभ
ग्रह में संतान का जन्म होता हैं. तथा उस पर से ग्रहों का अशुभ प्रभाव खत्म हो
जाता हैं.
वास्तुशास्त्र का प्रभाव और
दुष्प्रभाव
कुछ लोग वास्तु दोषों को
मिटाने के लिए अपने घर पर वास्तुपूजन करतें हैं तो कुछ लोग इसे फालतू के कर्म -
कांड कहकर इसकी निंदा करते हैं. कुछ विद्वानों का मानना हैं की वास्तुपूजन से घर
के वास्तु दोष नहीं मिटते. तो वहीं यह भी सच हैं की बिना पूजन किये घर में रहने से
वास्तु दोष का प्रभाव हम पर पड़ता हैं. इस दोष से बचने के लिए ही हम किसी भी घर में
निवास करने से पहले घर पर वास्तुपूजन कराते हैं. वास्तुपूजन करने से घर की भूमि
पवित्र हो जाती हैं तथा इससे हमारे घर में हमेशा शांति बनी रहती हैं. इसलिए
प्रत्येक घर या भवन में हमें वास्तुपूजन अवश्यक करना चाहिए.
घर में शांति बनाए रखने के
लिए ही कुछ व्यक्ति घर में प्रवेश करने से पहले घर में सुंदरकांड का पाठ कराते
हैं. शास्त्रों के अनुसार घर में प्रवेश करने से पहले सुंदरकांड कराना तथा उसके
बाद में अपने इष्ट की पूजा – पाठ करना बहुत ही उत्तम होता हैं. इससे हमारे घर का
वास्तु दोष मिट जाता हैं.
Spells to Make Your Future Luck Bright |
घर के वास्तु दोषों को मिटाने
के लिए कुछ लोग फेंगशुई के उपकरणों जैसे – चीनी सिक्के, सुनहरी मछलियों का छोटा
घर, लाफिंग बुद्धा, ड्रैगन का जोड़ा तथा कछुऐ आदि का भी प्रयोग करते हैं. फेंगशुई
के उपकरणों को घर के लिए बहुत ही फायदेमंद भी माना जाता हैं. फेंगशुई के
सिद्धांतों और भारतीय वास्तु शास्त्र में समानता पाई जाती हैं. लेकिन कई मामलों
में ये भारतीय वास्तुशास्त्र से विपरीत भी दिखाई देते हैं.
इसलिए हमें भारतीय वास्तु
शास्त्र को ही आधार मानकर घर का निर्माण या भूमि की जाँच करवानी चाहिए. कुछ
व्यक्ति किराए के घर में रहते हैं और उनका मानना होता हैं की जब यह उनका मूल निवास
स्थान हैं ही नहीं तो उन पर वास्तु दोष का प्रभाव क्यूँ पड़ेगा. ऐसे लोगों के लिए
यह समझना बहुत ही आवश्यक हैं कि वास्तु शास्त्र मकान मालिक या किरायदार में कोई
भेद नहीं करता तथा वास्तु दोष का प्रभाव जो घर का उपयोग करेगा, उस पर ही वास्तु
दोष का नकारात्मक और सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
वास्तु का प्रभाव केवल घर
में रहने वाले किरायदारों पर ही नहीं पड़ता, बल्कि जो व्यक्ति फैक्ट्री, दुकान तथा
कार्यालय किराय पर लेकर चलाते हैं और उसका उपयोग करते हैं, उन पर इसका समान प्रभाव
पड़ेगा. हाँ यह अलग बात हैं कि हम अपना अधिकतर समय घर में ही व्यतीत करते हैं तो घर
पर वास्तुशास्त्र का प्रभाव सबसे अधिक होता हैं. वास्तु शास्त्रियों के अनुसार
पड़ोसियों के घर का भी वास्तु प्रभाव हम पर पड़ता हैं.
सोये भाग्य को जगाने के उपायों से सम्बंधित अधिक जानकारी
प्राप्त करने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते है.
सोया मुकद्दर कैसे जगायें |
Soye Bhagy ko Jagane ke Tone Totke, सोये भाग्य को जगाने के टोने टोटके, Spells to Make Your Future Luck Bright, Soye Bhagya ko Kaise Jagayen, Bhagya Uday Kaise Karen, Soyi Kismat ko Jagayen, Kismat Par Vastushastra ka Parabhav Dushprabhav, Bhagyashali Kaise Bane, Takdir Kaise Badlen, Soya Mukaddar Kaise Jagayen, सोया मुकद्दर कैसे जगायें.
YOU MAY ALSO LIKE
Sir mera naam n.khan he or me koi bhi kam karta hu to me uss me kamiyab nahi ho pata iska ka kya matlab he meri kusmat kharab he ya mere kaam me koi kami he reply jaru kare
ReplyDeleteSir mera name pradeep kumar hai mai bihar se vaishali dist se hn.mai ek ladki ko pyar leta hn.use pane ko har sambhar prayas krta hn pr as asaflta hath lagti hai mai kya krn .mai usse shadi bhi krna chahta hn. Kripya upay bataye.mera dob_07/02/1985;dot_06:3pm hai.mere samaya ka nirakaran jald kre.
ReplyDelete