मेनोपॉज या रजोनिवृति
मेनोपॉज महिला के शरीर की उस अवस्था को कहते हैं. जिस अवस्था में महिला को
मासिक धर्म होने बंद हो जाते हैं. मेनोपॉज होने का मतलब हैं महिला के शरीर में
प्रजनन क्षमता का खत्म हो जाना. इस अवस्था में पहुंचकर महिला के अंडाशय में
अंडाणुओं के बनने की क्रिया समाप्त हो जाती हैं. महिला में मेनोपॉज की अवस्था 40
से 50 वर्ष के बीच की हो सकती हैं.
मेनोपॉज के कारण
1. महिला के शरीर में अंडाणु
के निर्माण होने का एक निश्चित समय होता हैं. महिला के अंडाशय में अंडाणुओं का
निर्माण न होने के कारण मेनोपॉज होता हैं.
2. मेनोपोज का एक कारण अंडाशय
में प्रोजेस्ट्रोन व एस्ट्रोजन हार्मोन्स का न बनना हैं. इन दोनों हार्मोन्स का
निर्माण महिला के अंडाशय में होता हैं तथा ये महिला के गर्भधारण करने के लिए बहुत
ही आवश्यक होते हैं. ये दोनों हार्मोन्स मासिक धर्म और डिम्बोत्सर्जन को नियंत्रित
करते हैं. जिससे महिला में मेनोपॉज की स्थिति उत्पन्न हो जाती हैं.
3. महिला की उम्र भी इस अवस्था
का एक कारण होती हैं. महिला की उम्र 40 या 50 साल हो जाने के बाद ही मेनोपॉज की
अवस्था की शुरुआत होती हैं.
4. मासिक धर्म का समाप्त होना
भी मेनोपॉज का एक कारण होता हैं. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
Reasons Symptoms and Deshi Treatment for Menopause |
मेनोपॉज के लक्षण
महिलाओं के शरीर में मेनोपॉज के शुरू होने से कुछ परिवर्तन
आने शुरू हो जाते हैं. जिनकी जानकारी निम्नलिखित हैं –
1. मेनोपॉज में महिला के
गर्भाशय का आकार छोटा हो जाता हैं.
2. मेनोपॉज के समय में महिला
के मुंह का रंग लाल हो जाता हैं. महिला को अपने शरीर में हमेशा थकावट महसूस होती
हैं तथा अत्यधिक गर्मी लगती हैं.
3. मेनोपॉज से महिला के जोड़ों
में दर्द होना शुरू हो जाता हैं.
4. महिला के शरीर में मेनोपॉज
के शुरू होने पर अतिरिक्त वसा का जमाव होंना शुरू हो जाता हैं.
5. मेनोपॉज से महिलाओं के शरीर
का वजन बढने लगता हैं. साथ ही साथ महिला के कूल्हों, स्तनों और नितम्बों के आस –
पास के भाग की चर्बी बढने लगती हैं.
6. मेनोपॉज के समय में महिला
की योनी से निरंतर होने वाला एक तरल पदार्थ का स्त्राव खत्म हो जाता हैं.
7. मेनोपॉज की अवस्था में आने
के बाद महिला के सिर में हमेशा दर्द रहता हैं तथा महिला के स्वभाव में चिडचिडापन आ
जाता हैं.
8. मेनोपॉज के समय में महिला की स्मरण शक्ति कम हो
जाती हैं.
9. मेनोपॉज से महिला के बालों
का झड़ना अधिक हो जाता हैं. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
Menopause Ke Karan Lakshan or Deshi Upchar |
मेनोपॉज के उपचार
1. मेनोपॉज से होने वाली किसी
भी समस्या से छुटकारा पाने के लिए महिलाएं भोजन में कुछ विशेष पदार्थों का सेवन कर
सकती हैं. मेनोपॉज की अवस्था में बंदगोभी, फलीदार सब्जियों की तथा दलों का सेवन
करना चाहियें. इससे मेनोपॉज से होने वाली शरीर की सारी बिमारियां ठीक हो जाती हैं.
2. मेनोपॉज की अवस्था में महिलाओं को फाइटो
एस्ट्रोजन लेना आरम्भ कर देना चाहिए. फाइटो एस्ट्रोजन हमें सोयाबीन से, सोया से,
पनीर से, सोया मिल्क से, सोया आटा से तथा सोयाबीन की बड़ियों से मिलता हैं. इस लिए
50 साल की तथा इससे ज्यादा उम्र की महिलाओं को इन सभी खाद्य पदार्थों का सेवन करना
चाहिए.
3. मेनोपॉज में महिला अपने
शरीर को स्वस्थ रखने के लिए दूध और तिल का प्रयोग कर सकती हैं. मेनोपॉज की अवस्था
में महिला को प्रतिदिन एक गिलास दूध में तिल को मिलाकर पीना चाहिए. इस दूध को पीने
से महिला का शरीर स्वस्थ रहता हैं.
4. मेनोपॉज के कारण अगर किसी
महिला के शरीर के अंगों में दर्द रहता हैं तो वह गाजर के बीजों का उपयोग कर सकती
हैं. इसके लिए गाजर के बीजों को दूध में डालकर कुछ देर उबाल लें.
उबालने के बाद इस
दूध को हल्का ठंडा कर लें. फिर इस दूध का सेवन करें. आपको मेनोपॉज में लाभ मिलेगा.
मेनोपॉज या रजोनिवृति के कारण लक्षण और देशी उपचार |
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