मधुमेह ( Diabetes )
बीमारी तो कोई भी हो छोटी
हो या बड़ी सभी खतरनाक होती है सभी के प्रभाव बुरे होते है. कुछ बीमारियाँ थोड़े समय
के लिए होती इसलिए हम उन्हें नजरअंदाज कर देते है परन्तु वे बीमारियाँ ही
कुछ समय बाद बड़ा रूप ले लेती है और भयंकर साबित होती है. ऐसी ही एक बीमारी है
जिसके बारे में आज हम आपको बताने जा रहे है उस बीमारी का नाम है मधुमेह. यह बहुत
ही घातक बीमारी है. यह अन्य बिमारियों से घातक इसलिए है क्योंकि इसमें
समस्या खाने पीने से ही होती है, जो चीजे हानिकारक है उनके साथ बहुत सी ऐसी चीजे
खाने से परहेज करना पड़ता है जिनका की हम हर रोज इस्तेमाल करते है. इस बीमारी में
शरीर अन्दर से खाली और खोखला हो जाता है. और अगर हम अपने खाने पीना पर नियंत्रण
नहीं करते है तो हमारे शरीर के अंग बेकार होने शुरू हो जाते है. हमें अपना जीवन
नरक जैसा लगने लगता है. यह रोग भयंकर इसलिए भी है क्योंकि अगर रोगी को चोट लग जाती
है या फिर कहीं घाव हो जाता है तो जब तक उसका इन्सुलिन का स्तर सही नहीं हो जाता
जब तक रोगी का घाव ठीक होने की कोई उम्मीद नहीं होती. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POST ...
Madhumeh ek Bhayankar Rog |
मधुमेह क्या है व् कैसे
होता है तथा इसके क्या Symptom है?
हम जो खाना रोजाना खाते है
अगर उसका सही ढंग से पाचन हो जाता है तो उससे ग्लूकोज बनता है. और ग्लूकोज को पाचन
करने के लिए एक तंत्र की जरुरत होती है जिसे हम इन्सुलिन कहते है और इन्सुलिन एक
प्रकार की ग्लेंड में बनता है जिसका नाम है पेन्कियाज. पेन्कियाज यकृत के पास होती
है. इस ग्लेंड का काम है ग्लोकोज का पाचन शरीर में करना जिससे की शरीर को काम करने
के लिए ताकत मिलती रहे. अगर पेन्कियाज ( Pancreas ) अपना काम सही तरीके से ना
करें या फिर काम करना बंद कर दें तो ग्लोकोज का हमारे शरीर में पचना मुश्किल हो
जाता है. और जब ग्लूकोज सही ढंग से पचेगा नहीं तो हमारे शरीर में इसकी मात्रा काफी
बढ़ जाती है. और फिर यह बड़ा हुआ ग्लोकोज मूत्र के रास्ते से बाहर आने लगता है. इसके
निकलने के कारण शरीर पोषक तत्वों की कमी महसूस करता है. शरीर से ग्लोकोज निकलने की
इस प्रक्रिया को मधुमेह कहा जाता है.
रोग की जांच :
रोग का पता लगाने के लिए
हमें यूरीन के साथ खून की भी जांच करवानी होती है. जांच कराने के बाद ही मधुमेह के
लक्षण दिखाई देते है तो इस रोग की पुष्टि हो जाती है. खाली पेट जांच करवाने पर
हमारे खून में ग्लूकोज की मात्रा 70 से 110 mg होनी चाहिए प्रति 100 ml पर और खाना खाने के बाद यही मात्रा 110 से 140
mg तक भी हो सकती है. अगर पेशाब में ग्लोकोज की मात्रा मिलती है तो यह मान लिया
जाता है कि व्यक्ति को मधुमेह से शिकायत है. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POST ...
मधुमेह एक भयंकर रोग |
कारण : इस रोग के होने के बहुत से कारण हो सकते है सबसे पहले तो
यह है कि कई बार तो मधुमेह वंशानुगत भी लग सकता है. किसी परिवार में यह बीमारी
पीढ़ियों तक चलती रहती है. इसके अलावा मोटापा या फिर मानसिक चिंता रखने वालो को यह
रोग बहुत ही जल्दी लगता है. यह रोग उनको भी हो सकता है जो कोई काम नही करते लेकिन
एक समय में वे बहुत ही मेहनती हुआ करते थे ऐसे लोगो को भी यह रोग बहुत जल्दी अपनी
चपेट में ले लेता है. एक और स्थिति में भी इस रोग के होने के आसार हो सकते है जैसेकि
पेन्कियाज से सम्बंधित रोग होने पर इन्सुलिन का पर्याप्त मात्रा में ना निकलना.
लक्षण : इस रोग में रोगी को बार बार पेशाब लगता है और साथ ही प्यास
भी बहुत लगती है. और भी बहुत से लक्षण है जो इस बीमारी की तरफ संकेत करते है जैसे
थकान या कमजोरी महसूस होना, हाथ पैर सुन्न हो जाना, अगर कोई फोड़ा फुंसी हो गया तो
उसका ठिकना हो पाना या फिर कोई घाव हो गया हो और ठीक ना हो रहा हो तो समझा जा सकता
है की व्यक्ति मधुमेह से ग्रस्त है. इस रोग का हमें तब पता चलता है जब हम किसी और
रोक के उपचार के लिए जांच कराते है और वहां मधुमेह के संकेत मिलते है.
यह रोग तीन तरह का होता है
:
1.
जो रोग छोटे बच्चो में होता
है उस रोग का नाम है – जुवेनाइल डाईविटिज़
2.
इन्सुलिन या (i.i.d.म.)
डाईविटिज़ – यह रोग बड़ी उम्र के व्यक्तियों या फिर उन व्यक्तियों को अपनी चपेट में
लेता है जिनमे इन्सुलिन की कमी हो या फिर उन्हें इन्सुलिन की बहुत ही जरुरत हो.
3.
नॉन इन्सुलिन डिपेंडेंट
डाईविटिज़ - इस रोग में लोगों को इन्सुलिन पर निर्भर नहीं रहना होता
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Diabetes a Awful Disease |
रोग का उपचार या
निवारण : सुबह उठकर नित्य क्रिया से
निपटकर टहलने जायें. थोड़े समय टहलने के बाद तेज क़दमों से चलने का प्रयास करें और
हो सके तो थोड़ी सी हिम्मत करके दौड़ लगायें. इससे आपको निश्चित ही लाभ मिलेगा. हमें
कुछ समय के लिए व्यायाम या फिर योगासन करें. याद रखें सबसे पहले आपको उन चीजों से
परहेज करना होगा जिनकी आपको खाने के लिए मनाही है. आप किसी स्वस्थ्य सलाहकार से
सलाह लेकर ही योगासन व् आसन करें. इसके अलावा टी,वी, पर ऐसे कार्यक्रम देखें जिनमे
स्वास्थ्य सम्बन्धी प्रोग्राम दिखाए जाते है. परहेज ही हर रोज में सबसे बड़ी दवा है
चाहे रोग कैसा भी हो. इसके अलावा आपको आलू, घी, तेल, व् आटे से बनी वस्तुओ की
इस्तेमाल ना के बराबर ही करें.
इसके अलावा हम आपको
कुछ आयुर्वेदिक दवाई बता रहे है कि आप इनको एक बार जरुर उपयोग कर के देखें, आपको
जरुर आराम मिलेगा – आरोग्यावार्धना वटी विशेष नो 1 वाली 2 गोली,
चंद्रप्रभा वती 2
गोली, शिलाजीत्वादी वटी अम्बर युक्त 1 गोली, प्रेमगझकेसरी वटी 2 गोली खली पेट 1
गिलास फीके दूध से लें.
मधुमेह रोग के कारण, लक्षण और इसके उपचार से जुडी किसी भी सहायता के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
बहुमूत्र रोग का उपचार |
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