हृदय रोग
आजकल लोग तरह तरह की
बिमारियों से पीड़ित है कुछ बीमारियाँ थोड़े समय परेशान करती है परन्तु कुछ
बीमारियाँ ऐसी भी है जो जानलेवा हो सकती है. ऐसी ही इन बिमारियों में हृदय रोग भी
शामिल है. हृदय रोगों से बहुत लोग परेशान है. विश्व की लगभग एक तिहाई जनसँख्या इन
बिमारियों से ग्रस्त है. इन रोगों में शामिल है हाई ब्लड प्रेशर और हर्ट अटैक
इत्यादि. इन लोगों के बीमार होने का कारण है मनुष्य की हृदय की नालियां रुक जाना
या फिर कोई रुकावट हो जाने से ही ये रोग होते है और इन नलिकाओं में रुकावट होती है
चिकनाई वाली चीजे खाने से. क्योंकि चिकनाई अमलीय होती है. अगर हमें किसी रोग को खत्म
करना है तो हमें उन कारणों को ख़त्म करना होगा जिनसे हमे ये रोग लगते है. और अगर हम
उन कारणों को खत्म करने में कामयाब हो जाते है तो रोग का इलाज अपने आप ही हो जाता
है फिर वह रोग ज्यादा देर तक नहीं रहता. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POST ...
Hridya Rog ke Aayurvedic Ilaj |
सबसे पहले तो हमें चिकनाई वाले पदार्थ
खाने से परहेज रखना चाहिए और साथ ही इसकी अम्लीयता को खत्म करने का तरीका खोजना
होगा. आजकल इस बीमारी का इलाज साधारण व्यक्ति की पहुँच से बाहर होता है. बड़े बड़े
हस्पतालो में इस बीमारी का इलाज बहुत ही महंगा होता है और पैसो के अभाव में यह
बीमारी जानलेवा हो सकती है. बड़े हस्पतालो में इसके इलाज के लिए मरीज को जो सुविधा
दी जाती है उसको एंजियोप्लास्टी कहते है. एक बार इलाज करने के बाद थोड़े दिन तक
मरीज ठीक रहता है और थोड़े दिन बाद फिर यह रोग दोबारा उभरने लगते है. अब दुबारा से
हुए रोग का इलाज ना करके उनकी रोकथाम का उपाय किया जाता है. इस रोकथाम में मरीज को
थोड़े समय के लिए ब्लोकेज वाली नली में स्प्रिंग्स डाल दी जाती है. यह इलाज काफी
महंगा होता है. इस इलाज के लिए मरीज से ३ से लेकर ५ लाख रूपये ले लिए जाते है. जो
कि पूरा इलाज नहीं होता कुछ समय बाद फिर शिकायत होती है और फिर वाही रोकथाम. लेकिन
आयुर्वेद के द्वारा आप किसी भी बीमारी का पूरा इलाज कर सकते है. आयुर्वेद ही किसी
भी बीमारी को खत्म करने की गारंटीड दवा है. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POST ...
हृदय रोग के आयुर्वेदिक इलाज |
आयुर्वेद चिकनाई से पैदा
हुए अम्ल को ख़त्म कर देता है यानि बीमारी का कारण ख़त्म तो बीमारी भी जड़ से खत्म और
ये होता कैसे है आइये हम आपको बताते है. आपने उदासीनीकरण के बारे मे तो सुना ही
होगा. उदासीनीकरण की प्रक्रिया में अम्ल को ख़त्म करने के लिए जितनी मात्रा में
अम्ल होता है उतनी ही मात्रा में अगर क्षार मिला दिया जाएँ तो अम्ल उदासीन हो जायेगा
मतलब चिकनाई बिलकुल ख़त्म हो जाएगी और अगर चिकनाई ख़त्म हो गयी तो ना कोई रुकावट
रहेगी और ना कोई रोग होगा.
हार्ट अटैक का इलाज :
कुछ कम्पनियां हार्ट अटैक
के इलाज की दवा भारत में वर्तमान में बेच रही है. वे दवाइयां दुसरे देशों में बहुत पुरानी हो चुकी है और काफी सस्ती भी है
परन्तु भारत में उनको बहुत महंगे दामों पर बेचा जाता है अमेरिका में तो वे दवाइयां
लगभग पिछले २० सालो से बंद है और हार्ट पेशेंट को दे जाने वाली सबसे खतरनाक
दवाइयों में से एक है. जैसाकि आपको पता ही है कि हार्ट अटैक आने पर एक ऑपरेशन होता
है जिसे एंजियोप्लास्टी कहते है इस ऑपरेशन में डॉक्टर आपके इलाज के लिए दिल की नली
में स्प्रिंग्स डाल देते है जिसको की स्टंट कहा जाता है. अब ये स्टंट क्या है ये
कहाँ से आते है इन्ही के बारे में हम आपको बता रहे है कि ये स्टंट अमेरिका से बहुत
ही सस्ते दामों में मिल जाते है वहां पर इनका दाम केवल ३ से लेकर ५ डालर तक है
जिसे वहां से लाकर भारत में लगभग ३ से लेकर ५ लाख रुपयों तक में बेचा जाता है और
यहाँ भी आपकी बीमारी का खात्मा नहीं होता है. कुछ समय बाद आपको फिर परेशानी होती
है और डॉक्टर आपको फिर स्प्रिंग्स डालने के लिए कहता है और फिर उतने ही पैसे आपको
देने होंगे इसलिए आप ऐसा इलाज मत करो आयुर्वेद का सहारा लेकर आप इतने बड़े नुकसान
से बच सकते है और तंदरुस्त भी रह सकते है. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POST ...
Aayurvedic Cure of
Heart Diseases
|
आयुर्वेदिक इलाज :
हृदय से सम्बंधित बिमारियों
के इलाज प्राचीन समय से ही आयुर्वेद के माध्यम से किये जाते रहे है. हमारे देश
भारत में लगभग ३००० साल पहले ऋषि वागवट जी ने अपनी पुस्तक अष्टांग ह्रदयम में इन
बिमारियों के लगभग ७००० से अधिक सूत्र लिखे थे उन्हें में से एक आज हम आपको बता
रहे है.
हृदय की बीमारियाँ अम्लता
के कारण होती है. अमलता को हम इंग्लिश में एसिडिटी भी कहते है. अम्लता दो प्रकार
की हो सकती है एक प्रकार की अम्लता पट से सम्बंधित होती है और दूसरी अम्लता खून
यानि ब्लड की अम्लता होती है. जैसे की हमने आपको बताया की पेट की अम्लता, जब यह
अम्लता बढती है तो आपके पेट में जलन सी महसूस होती है और ये अम्लता ज्यादा बढकर
हाय्परसिटी हो जाती है. और ये ऐसे ही बदती बढती ब्लड एसिडिटी में बदल जाती है.
Heart Attack Ka Ilaj |
जब यह अम्लीय रक्त नालियों
से नहीं निकल पता तो नालियों में ब्लोकेज हो जाता है और हार्ट अटैक का कारण बनता
है. डॉक्टरो द्वारा आयुर्वेदिक इलाज आपको इसलिए नहीं बताया जाता क्योकि इससे उनका
फायदा नहीं हो सकता इसलिए की ये इलाज काफी सरल और सस्ता है.
अब इसका इलाज इस प्रकार है कि
अगर आप के रक्त में अम्लता बढती है या फिर बढ़ गयी है तो फिर आपको क्षारिय चीज़ें
खानी चाहिए. अम्लीय और क्षारिय दो चीज़ें होती है और दोनों को मिला देने पर सब neutral हो जाता है. इसलिए रक्त में बढ़ी हुई अम्लता को
ख़त्म करने के लिए क्षारिय चीज़ें खानी चाहिए और ये चीजे खाने से रक्त में अम्लता neutral हो जाती है और रोग लगने से बच जाता है. इस
प्रकार हम कह सकते है कि आयुर्वेद के द्वारा हम हार्ट अटैक की सम्भावना को ख़त्म कर
सकते है
क्षारिय चीजे :
सबसे ज्यादा क्षारिय चीज के
रूप में हम जिसे कह सकते है वो है लोकी. लोकी की हम सब्जी भी बनाते है. लोकी का रस
निकालकर हम इसका सेवन कर सकते है या फिर कच्ची लोकी खाने से भी फाड़ा मिलेगा. लोकी
के अलावा तुलसी भी बहुत ही क्षारिय है इसे हम लोकी के साथ मिलाकर पी सकते है.
पुदीना तो बहुत ही क्षारिय है. इन सभी को लोकी के रस में मिलकर हम लोकी के रस को
बहुत ही क्षारिय बना सकते है और इसमें हमें सेंधा नमक ही मिलाना चाहिए.
हृदय रोग और उपचार से सम्बंधित किसी भी अन्य सहायता के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके जानकारी हासिल कर सकते हो.
Control Blood Pressure |
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