भगवान को फूल कैसे चढायें
पूजा करने के लिए हम सभी
धूप, दीप, गंध, पुष्प तथा फल भगवान को प्रसन्न करने के लिए तथा अपनी मनोकामनाओं को
पूर्ण करने के लिए अर्पित करते हैं. पूजा करते समय भगवान को फूल चढाने के कुछ नियम
होते हैं जिनके बारे में जानकारी निम्नलिखित दी गई हैं –
1.
हमें पूजा करते समय भगवान
को फूल डंठल सहित अर्पित करने चाहिए.
2.
फूलों को देवी तथा देवताओं
की मूर्तियों के सामने उल्टा करके चढ़ाना चाहिए.
3.
सोमवार शिवजी का दिन माना
जाता हैं तथा इनकी उपासना करने के लिए लोग बेल के पत्ते तथा दूब इन्हें अर्पित
करते हैं. बेल के पत्तों को चढाते समय हमें इन्हें उल्टा कर देना चाहिए तथा बेल के
पत्तों का मुख अपनी ओर कर देना चाहिए. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POST ...
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4.
भगवान की अराधना करने के
लिए तुलसी के पत्तों को मंजरी के साथ चढ़ाना चाहिए.
देवी एवं देवताओं में से
कुछ देवी और देवता को कुछ फूल चढ़ाना वर्जित माना गया हैं. इनका भी विवरण
निम्नलिखित हैं –
1.
शंकर भगवान – शंकर भगवान को चढाने के लिए कुछ फूलों को वर्जित माना
गया हैं. जैसे – केवड़ा, बकुली तथा कुंद के फूल शिव जी की अराधना करने के लिए हमें
इस्तेमाल नहीं करने चाहिए. कुछ क्षेत्रों में शंकर जी को तुलसी के पत्ते चढ़ाना भी
निषिद्ध माना जाता हैं. लेकिन तुलसी के पत्तों को न चढाने का कोई शास्त्रीय प्रमाण
अभी तक उपलब्ध नहीं हुआ हैं. कुछ शास्त्रों के अनुसार शालिग्राम को अर्पित किए गये
तुलसी के पत्ते शंकर भगवान को अधिक प्रिय लगते हैं.
2.
गणेश भगवान – गणेश भगवान को तुलसी के फूल चढ़ाना वर्जित हैं. परन्तु
गणेश चतुर्थी के दिन गणेश भगवान को सफेद तुलसी के फूल अर्पित करना शुभ माना गया
हैं.
3.
दुर्गा माँ – दुर्गा माता को दूब चढ़ाने की मनाही हैं तो वंही चण्डी
होम के लिए दूब को शुभ तथा जरूरी माना जाता हैं.
4.
विष्णु भगवान – विष्णु भगवान की पूजा करने के लिए बेल के पत्तों का
उपयोग करना वर्जित होता हैं.
इनके अलावा हमें कभी – भी भगवान को सड़े – गले
फूल, छोटी से निकाले हुए या प्रदूषित फूल नहीं चढ़ाने चाहिए.
आमतौर पर देवी और देवताओं
को बासी फूल नहीं चढ़ाने चाहिए. शास्त्रों में प्रत्येक फूल के बासी होने का समय
निश्चित किया हैं. जिसका विवरण निम्नलिखित हैं.
शास्त्रों के अनुसार तुलसी के
पत्ते कभी बासी नहीं होते. इसलिए अगर आपके पास ताजे फूल नहीं हैं तो आप तुलसी के
पत्तों का उपयोग कर सकते हैं.
1.
बेल पत्र 30 दिनों के बाद
बासी हो जाते हैं.
2.
चाफा 9 दिनों के अंदर बासी
हो जाते हैं.
3.
मोगरे के फूल 4 दिनों के
बाद बासी होते हैं.
4.
कनेर के फुल 8 दिनों के
अंदर बासी हो जाते हैं.
5.
शमी के फूल 6 दिन के बाद
बासी हो जाते हैं.
6.
केवड़ा के फूल 4 दिन के अंदर
बासी हो जाते हैं. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POST ...
भगवान को फूल पुष्प कैसे चढायें |
7.
शास्त्रों के अनुसार कमल का
फुल देवी व देवताओं को चढ़ाने के लिए बहुत ही शुभ होता हैं तथा यह 8 दिनों के बाद
बासी होता हैं.
8.
फूलों को चढाते समय हमें
अंगूठे का, कनिष्ठा का तथा अनामिका का प्रयोग करना चाहिए.
9.
हमें भगवान का निर्माल्य
निकालते समय अपने हाथ की तर्जनी उंगली का तथा अंगूठे का ही केवल प्रयोग करना
चाहिए.
10.
हमें पूजा करते समय कनिष्ठा
उंगली का प्रयोग पूजा के किसी भी कार्य को करने के लिए नहीं करना चाहिए.
भगवान की अराधना करने के लिए आप माली द्वारा
तोड़े हुए फूलों का प्रयोग कर सकते हैं. क्योंकि माली द्वारा तोड़े गये फूल व पत्ते
कभी बासी नहीं होते .
भगवान के प्रिय फूल एवं
पत्तें –
·
विष्णु भगवान को तुलसी के
पत्ते अधिक प्रिय लगते हैं.
·
गणेश जी को दूब चढ़ाना शुभ
होता हैं तथा यह गणेश जी को अधिक प्रिय हैं.
·
शिव भगवान को बेल पत्र अधिक
प्रिय लगते हैं. इसलिए शिवजी की अराधना करते समय हमें बेल पत्र का प्रयोग अवश्य
करना चाहिए.
हमें चतुर्थी के दिन दूब
कभी नहीं तोड़ने चाहिए. एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तथा प्रदोष व्रत के दिन बल के
पत्ते कभी नहीं तोड़ने चाहिए. अगर किसी कारण वश पत्ते या दूब हमें तोड़ने पड़ जाएँ तो
इन्हें तोड़ने से पहले पेड़ से माफ़ी मांग लेनी चाहिए.
भगवान
को फूल अर्पित करने के अन्य उपायों को जानने के लिए आप तुरंत नीचे कमेंट करके
जानकारी हासिल कर सकते है.
Pushp Kaise Cdhayen |
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