गेंहू के ज्वारे - पृथ्वी की अनमोल जड़ी
पृथ्वी पर हमें अनेको अनमोल
चीजे मिली है जो हमारी दैनिक जीवन की जरूरते बन गयी है जिनके बिना हम अपने जीवन की
कल्पना भी नहीं कर सकते. गेंहू के ज्वारे भी पृथ्वी द्वारा दी गयी देन है. जिसको
हम संजीवनी बूटी भी कह सकते है. यह हर रोग में कारगर साबित होती. अगर किसी रोग का
इलाज नहीं हो रहा है और रोगी परेशान है तो इसे एक बार अवश्य ले. इसके सेवन से उसे
तुरंत आराम पहुंचेगा और रोग निवारण भी जल्दी ही हो जायेगा.
गेंहू के ज्वारो में ऐसे
पोषक तत्व पायें जाते है जिनसे रोग निवारण में मदद मिलती है इसके इन गुणों के कारण
इसे आहार नहीं अपितु अमृत भी कहें तो गलत नहीं होगा. क्लोरोफिल इन ज्वारो में सबसे
ज्यादा पाया जाने वाला तत्व है जिसे की सूर्य की केंद्र शक्ति माना जाता है. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
अनमोल दवाई गेंहूँ के ज्वारे |
गेहूं के ज्वारो द्वारा हम
वर्तमान में सभी रोगों का उपचार कर सकते है जो कि रक्त और रक्त संचार सम्बन्धी है.
इनमे से कुछ रोग है जैसे – रक्त की कमी, उच्च रक्तचाप, सर्दी, अस्थमा, स्थाई
सर्दी, सईनिस, ब्रोकाईटिस, पाचन सम्बन्धी रोग, पेट में छाले, कैंसर, दन्त सम्बन्धी
समस्याओं, दन्त का हिलना, चर्म रोग, एकीज्मा, किडनी सम्बन्धी रोग, सेक्स सम्बन्धी
रोग, शीघ्रपतन, कान के रोग, थाईराइड ग्रंथि के रोग. इसके सस्थ ही अनेको ऐसे रोगों
का इलाज किया जा सकता है जिनका इलाज कहीं और ना पाकर रोगी निराश हो गया हो. इनका
प्रयोग हम तब भी कर सकते जब चिकित्सा चल रही हो. इलाज के साथ इसका इस्तेमाल रोगी
को अवश्य ही लाभ पहुचायेगा.
हमारे रक्त में एक प्रकार
का घटक पाया जाता है जिसे हम हिमोग्लोबिन कहते है जिसमे हेमिन तत्व होता है ये
दोनो तत्व एक दुसरे के समान ही होता है इन तत्वों में अणु की संख्या समान होता है
और दोनों की संरचना भी एक जैसी ही होती है इनमे जिनके अणु होते है वे इस प्रकार है
– कार्बन, आक्सीजन, हाइड्रोजन व् नाईट्रोजन. हिमोग्लोबिन और हेमिन की संरचना में
थोडा सा जो अंतर है वो यह है की क्लोरोफिल के परमाणु केंद्र में मग्निसियम होता है
जबकि हेमिन के परमाणु केंद्र में लोहा होता है. इंतनी समानता होने के कारण गेंहू
के ज्वारो को हरा रक्त भी कहा जा सकता है. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
Anmol Dwaai Genhun ke Jware |
गेंहू के ज्वारो की रोग
निरोधक और निवारण शक्ति के कारण आहार शास्त्रियों द्वारा इसे रक्त बनाने वाला आहार
बताया गया है. गेंहू के ज्वारे क्षारिय प्रकृति के होते है इनमे काफी मात्रा में
क्षार होता है जिससे की पाचन सम्बन्धी समस्याओं की इलाज किया जा सकता है. पाचन
सम्बन्धी समस्या होने पर इनका सेवन करने से अमलीय समस्या दूर हो जाती है और रोग
निवारण भी हो जाता है. इसलिए इस प्रकार के रोग में यह रामबाण इलाज साबित होता है.
इस प्रकार गेंहू के ज्वारे
हमें एक रोग से ही नहीं बल्कि अनेको रोगों से मुक्ति दिलाने में सहायक है रोगी ही
नहीं इसका लाभ तो स्वस्थ व्यक्ति भी उठा सकते है अगर स्वस्थ व्यक्ति प्रतिदिन इसका
सेवन करे तो उसकी आयु शक्ति में बढ़ोतरी होगी उसका जीवनकाल बढेगा और जीवनशक्ति में
अपार वृद्धि होगी . यदि किसी रोगी की
चिकित्सा चल रही है और वह उससे संतुष्ट नहीं है तो वह बिना चिकित्सा बंद किये
गेंहू के ज्वारो का सेवन कर सकता है और लाभ भी उठा सकता है.
इस प्रकार हम कह सकते है की
गेंहू के ज्वारे निश्चित ही अनमोल और असरदायक है इसमें ना तो कोई पद्दति है और
नहीं ही कोई ज्यादा खर्च. क्योंकि गेंहू के ज्वारे आहार में भी आते है और औषोधि
में भी. तो हमे इनका प्रयोग अवश्य ही करना चाहिये.
Priceless Medicine Wheat Plants |
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