स्वाइन जैसी भयंकर बिमारी से कैसे बचें - Swine Influenza
स्वाइन फ्लू ‘ए’ टाइप के इन्फ्लुएंजा नामक घातक वायरस से फैलने वाली बिमारी
हैं. इस बिमारी को फ़ैलाने वाला यह वायरस सूअरों के अंदर होता हैं जो की उनके सांस
के द्वारा फैलता हैं. वैसे स्वाइन फ्लू सूअरों के बुखार को कहते हैं. यह सूअरों के
सांस से सम्बन्धित बिमारी होती हैं. स्वाइन फ्लू का रोग मानव शरीर में जुखाम से
जुड़े एक वायरस के द्वारा फैलता हैं. यह एक संक्रमित रोग हैं. इस रोग के वायरस के एक
व्यक्ति से दुसरे व्यक्ति तक फैलने की संभावना रहती हैं. स्वाइन फ्लू से जुड़े
वायरस चार प्रकार के होते हैं. H1N1, H1N2, H3N3, तथा H3NI. इन चारों वायरसों में
से H1N1 बहुत ही घातक होता हैं. स्वाइन फ्लू का यह वायरस लोगों के शरीर में बहुत
ही जल्दी फैल जाता हैं. व्यक्ति के शरीर में यह बिमारी कब घर कर जाती हैं. इसका
पता ही नहीं चलता. क्यूंकि इस बिमारी की शुरुआत व्यक्ति के शरीर में साधारण सी
लगने वाली खांसी तथा जुखाम की बिमारी से होती हैं.
जिससे इस बिमारी को पहचानना
बहुत ही कठिन हो जाता हैं. स्वाइन फ्लू का वायरस इतना घातक होता हैं की इस वायरस
के व्यक्ति के शरीर में प्रवेश करने पर व्यक्ति की जान भी जा सकती हैं. इसलिए जैसे
ही आपको स्वाइन फ्लू की बीमारी का पता चले, जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी इस
बीमारी का ईलाज करवाएं. स्वाइन फ्लू का वायरस हाथों में प्लास्टिक की वस्तु में,
स्टील में, कपड़ों में तथा कागजों में भी फ़ैल जाता हैं. स्वाइन फ्लू का यह वायरस इन
सभी में घंटों तक जीवित रहता हैं. ये ऐसी चीजें हैं जिनका हम रोजाना अपने दैनिक
कार्यों में इस्तेमाल करते हैं. जैसे ही हम इन चीजों का प्रयोग करते हैं, वैसे ही
यह वायरस हमारे शरीर में प्रवेश कर जाता हैं जिसके कारण हम इस रोग से पीड़ित हो
जाते हैं. यह वायरस कागजों में तथा कपड़ों में 10 से 12 घंटों तक रहता हैं. टिश्यु
पेपर में यह वायरस 20 से 25 मिनट तक जीवित रहता हैं. हांथों में यह वायरस 35 से 40
मिनट तक जीवित रहता हैं. प्लास्टिक की वस्तु में तथा स्टील के बर्तन या किसी अन्य
वस्तु में यह वायरस 48 से 50 घंटों तक सबसे अधिक समय तक जीवित रहते हैं. इस वायरस
के प्रभाव से आप कुछ चीजों का इस्तेमाल करके आप अपने शरीर को इस वायरस से संक्रमित
होने से बचा सकते हैं. स्वाइन फ्लू के वायरस से बचने के लिए आप जब भी कहीं बाहर से
आते हैं तो आने के बाद अपने हाथ और पैर को अच्छी तरह साबुन से धों लें. साबुन के
आलावा इस वायरस से अपने आपको बचाने के लिए आप ब्लीच, डिटर्जेंट तथा एल्कोहल का
प्रयोग कर सकते हैं. स्वाइन फ्लू के वायरस से बचने के लिए आप सर्जिकल मास्क का भी
इस्तेमाल कर सकते हैं. स्वाइन फ्लू के वायरस से बचाव करने वाले सर्जिकल मास्क दो
प्रकार के होते हैं. एक सर्जिकल मास्क N-95 होता हैं यह मास्क स्वाइन फ्लू के
वायरस से हमें 8 घंटों तक बचा सकता हैं. दूसरा सर्जिकल मास्क साधारण होता हैं जो
केवल 2 या 3 घंटे तक ही हमारे शरीर की रक्षा इस वायरस से करता हैं. N-95 मास्क इन
दोनों मास्कों में से स्वाइन फ्लू के वायरस को रोकने में काफी सहायक होता हैं. इस
लिए आप इस मास्क का प्रयोग करें और अपने शरीर को स्वाइन फ्लू के रोग से संक्रमित
होने से बचा लें. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
Swine influenza Flu ke Lakshan or Karan |
स्वाइन फ्लू के वायरस के फैलने के कारण
स्वाइन फ्लू का वायरस बहुत से कारणों से फैल सकता हैं. जो की निम्नलिखित हैं –
1. स्वाइन फ्लू का वायरस
स्वाइन फ्लू से पीड़ित व्यक्ति के छिकनें, खासने के कारण दूसरे व्यक्ति के शरीर में
फ़ैल सकता हैं.
2. स्वाइन फ्लू का वायरस इस
बिमारी से ग्रस्त व्यक्ति से हाथ मिलाने से भी फ़ैल सकता हैं.
3. स्वाइन फ्लू की बिमारी इस
रोग से पीड़ित व्यक्ति के इस्तेमाल की हुई चीजों जैसे की – बोर्ड, माउस, रिमोट, उस
व्यक्ति के कमरे के दरवाजे को छूने से भी फ़ैल सकता हैं.
4. स्वाइन फ्लू का रोग बिमार
व्यक्ति का झूठा खाना खाने के कारण भी हो जाती हैं.
Reason and Symptoms for Swine Influenza Flu |
स्वाइन फ्लू के लक्षण
1. इस वायरस के व्यक्ति के
शरीर में प्रवेश करने पर नाक बहने लगती हैं, बार – बार छींक आती हैं, तथा नाक से
सांस लेने में दिक्कत होती हैं.
2. स्वाइन फ्लू के होने पर इस
रोग से संक्रमित व्यक्ति के शरीर की मांसपेशियों में दर्द होना शुरू हो जाता हैं
तथा मांसपेशी में अकडन भी आ जाती हैं.
3. इस रोग के होने पर व्यक्ति
के सिर में हमेशा दर्द रहता हैं.
4. स्वाइन फ्लू के वायरस के फैलने पर व्यक्ति के
गले में खराश होनी शुरू हो जाती हैं तथा गला लाल हो जाता हैं.
5. स्वाइन फ्लू के होने पर
पीड़ित व्यक्ति को बुखार भी हो जाता हैं तथा यह बुखार किसी भी प्रकार की दवाई का
सेवन करने से भी ठीक नहीं होता, बल्कि बढता जाता हैं.
स्वाइन फ्लू से पीड़ित
व्यक्ति को अधिक नींद आती हैं तथा उसे अपने शरीर में हमेशा थकावट महसूस होती हैं.
स्वाइन फ्लू कारण और लक्षण |
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