प्लॉटर ( Plotter
)
प्लॉटर कंप्यूटर
हार्डवेयर का वो यंत्र है जिनका इस्तेमाल ग्राफ़िक्स को छापने के लिए किया जाता है.
ये प्रिंटर की तरह ही होते है किन्तु ये किसी भी इमेज को छापने के लिए पेन, पेंसिल
और मार्कर जैसे चीजों का इस्तेमाल करते है नाकि प्रिंटर की तरह डॉट की लाइन का. ये
इमेज बनाने के लिए लगातार रेखाएं बनाते रहते है, साथ ही कुछ ऐसे प्लॉटर भी होते है
जिनसे कई रंग की रेखाएं बनाई जा सकती है. इन प्लॉटर को मल्टी कलर्ड प्लॉटर भी कहा
जाता है. प्लॉटर की कीमत प्रिंटर से कहीं ज्यादा होती है साथ ही इनका प्रयोग
इंजिनियर अपने ब्लूप्रिंट बनाने के लिए करते है, ये नक़्शे बनाने के लिए भी आदर्श
यंत्र होते है.
प्लॉटर को
इनस्टॉल करे :
प्लॉटर को अपने
कंप्यूटर में इस्तेमाल करना बहुत ही आसान प्रक्रिया है, इसके इस्तेमाल के लिए आपको
अपने कंप्यूटर में एक सॉफ्टवेर डाउनलोड करना होता है, जिसकी मदद से आप कंप्यूटर
में कुछ कमांड ( Command ) डाल सकते हो और
प्लॉटर को उसी आधार पर कार्य करने का आदेश दे सकते हो. इसके बाद आपको आसान से कदमो
को अपनाना होता है जो निम्नलिखित है – CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
Plotter Installation and its works |
स्टेप 1 : सबसे
पहले तो आप अपने कंप्यूटर में एक प्लॉटर ड्राईवर को डाउनलोड करे, जिसके लिए अप VUB / ULB FTP सर्वर का इस्तेमाल कर सकते हो.
स्टेप 2 : अब आप
अपने प्लॉटर को कंप्यूटर में दिए पोर्ट के साथ जोड़ ले और उसे अलग से पॉवर देने के
लिए उसके एक वायर को विधुत बोर्ड में लगा दे.
स्टेप 3 : उसके
बाद आप अपने द्वारा डाउनलोड किये सॉफ्टवेर को इनस्टॉल कर ले, साथ ही आप प्लॉटर
ड्राइव को भी इनस्टॉल कर ले.
स्टेप 4 : अब आप
अपने कंप्यूटर को रीस्टार्ट करे और स्क्रीन पर दिए प्लॉटर के चिह्न पर जाकर अपने
प्लॉटर का इस्तेमाल शुरू करे. जिसके लिए आपको सॉफ्टवेर में इमेज के कुछ coordinate बनाने होते है. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
Plotter Installation or Iske Karya |
इस तरह आपका
प्लॉटर आपके कंप्यूटर के साथ जुड़ जाता है और आप किसी भी लाइन से बनी आकृति को
आसानी से बना पाते हो.
प्लॉटर कार्य
कैसे करता है? :
एक प्लॉटर आपके
कंप्यूटर के इमेज सॉफ्टवेर के साथ जुड़ कर कार्य करता है और अंतिम पिक्चर ( Picture ) देता है.
स्टेप 1 : इसका सबसे
पहला कार्य ये होता है कि आप प्लॉटर को वो जानकारी दो जिसे आप छापना चाहते हो.
इसके लिए कुछ कोआर्डिनेट ( coordinate ) दिए होते है, प्लॉटर उन्ही के आधार पर इमेज को छापता है. इसके लिए आप प्लॉटर
सॉफ्टवेर का इस्तेमाल कर सकते हो.
स्टेप 2 : इसके
बाद प्लॉटर इमेज के उन सभी कोड को पढता है जिसको बनाना है और उनके लिए सही पेन या
पेंसिल और पेपर का चुनाव करता है. आधुनिक प्लॉटर कोड को पढने के लिए “ Hewltt Packet’s HPGL 2 “ और “ Houston Instrument’s DMPL “ भाषा का इस्तेमाल करते है.
स्टेप 3 : इसके
बाद पेपर चुने हुए पेन के नीचे इमेज की आकृति की तरह हिलने लगता है ताकि इमेज पेपर
पर बन सके. ये पेन एक खाली फाइबर ( Fiber ) की रोड से बना होता है जो बहुत ही नुकीली होती है.
स्टेप 4 : पेन के
अंदर से रंग की इंक निकलती रहती है जो पेपर पर इमेज को बनती है और जब इमेज पूरी हो
जाती है तो प्लॉटर अपने आप ही बंध हो जाता है.
प्लॉटर इंस्टालेशन और इसके कार्य |
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