क्रोध कम करने के
मनोवैज्ञानिक उपाय :
जब भी व्यक्ति को गुस्सा
आता है तो वो उत्तेजना में कुछ समझ नही आता और वो कुछ भी करने के लिए तैयार होता
है. किन्तु मनोविज्ञान के आधार पर ऐसे व्यक्ति को गुस्सा आने पर निम्न बातो का
ध्यान रखना चाहियें –
·
रुक जाएँ : जब भी आपको लगे कि आपको गुस्सा आ रहा है तो आप खुद को रुकने
के लिए कहें, अपने हाथ पैरो को हिलाना बंद कर दें, क्योकि रुकने से आपको सोचने के
लिए समय मिलता है और आप किसी निष्कर्ष पर पहुँच पाते हो. कहते है कि तरकस से निकला
हुआ तीर और व्यक्ति के शब्द कभी भी वापस नही लिए जा सकते तो आप गुस्से में किसी को
भी ऐसे शब्द कहने से जरुर बचे जिनसे आपको बाद में पछताना पड़े. इसलिए गुस्से में
सबसे अच्छा यही होगा की आप अपने आप को रोक लें.
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Krodh ya Gusse ko Niyantrit Karne ke Manovaigyanik Tarike |
·
आपने आप को जगह दें
: इसके अलावा जब आपको गुस्सा
आये तो आप उस जगह से चले जाए और अपने आप को खली जगह दे. क्योकि गुस्से में व्यक्ति
का अपने शरीर पर नियंत्रण नही होता, साथ ही आपकी शारीरिक भाषा भी बदल जाती है. तो
आप किसी से बात न करें और उस स्थिति के बारे में विचार करे जिसकी वजह से आपको
गुस्सा आया था. ऐसे करने से भी आपको स्थिति को समझने में आसानी होती है.
·
गहरी सांस लें : गुस्से को नियंत्रित करने की शुरुआत आप अपने अंदर से करें
और उसके लिए आपके मन का शांत होना बहुत ही आवश्यक है, इसके लिए आप गहरी सांस लें.
गहरी सांस लेने से आपके शरीर का रक्त स्त्राव बढ़ता है और आपको अच्छा महसूस होने
लगता है. इसके अलावा आप ठंडा पानी भी पियें क्योकि ठंडा पानी व्यक्ति के
शारीरिक तनाव को कम करता है और आपके क्रोध को शांत करने में मददगार होता है.
·
विश्लेषण : जब आपको महसूस हो कि आपका गुस्सा शांत हो रहा है तो आप ये
जानने की कोशिश करें कि गुस्से की असली वजह क्या थी, इसके लिए सबसे अच्छा ये होगा
कि आप स्थिति की अपने मन में प्रतिकृति बना लें. ऐसा करने से आप स्थिति की सच्चाई
तक आसानी से पहुँच पाते हो और आप अपने गुस्से की वजह को भी अच्छी तरह से समझ पाते
हो.
Psychological Measures to Control Anger |
·
समाधान : जब आप स्थिति के बारे में अच्छी तरह से जान जाओ तो अब आप ये
पता लगायें कि गलती किसकी थी. अब आप स्थिति को सुधारने के बारे में विचार करें.
इसके लिए आप अपने से ज्यादा अनुभवी अपने बड़ो की सहायता ले सकते हो. एक शांत मन ही
अच्छे निर्णय लेने में सक्षम होता है, इसलिए कोई भी निर्णय लें उसे शांत मन से ही
लें.
अगर आप क्रोध से मुक्त
होना चाहते हो तो आप अपनी खुशियों को स्थिति के हिसाब से सिमित न रखे और दुसरो को
देख कर इर्ष्या न करे. अगर आप इन दो कामो को करते हो तो आप निश्चित रूप से हमेशा
खुश रहोगे और आपका जीवन आनंद से भर जाएगा.
क्रोध या गुस्से को नियंत्रित करने के मनोवैज्ञानिक तरीके |
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Ati uttam evam gyanvardhak jankariyan dene k liye apka sahriday dhanyawaad...
ReplyDeleteLala Pathak Ji,
DeleteAap Hamare Saath Aise hee Jude Rahen or kisi bhi trah kaa doubt hone par dobara comment avashya karen.
Sampark ke Liye Dhanyavaad
Jagran Today Team