कीबोर्ड और उसके
प्रकार
कीबोर्ड कंप्यूटर के इनपुट
डिवाइस में से सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला यंत्र है. कीबोर्ड का डिजाईन
टाइपराइटर के डिजाईन को ध्यान में रख कर बनाया गया है. कीबोर्ड काम करने के लिए
स्विच और सर्किट का इस्तेमाल करते है ताकि ये आपके द्वारा दबाये गये बटन के सिग्नल
को कंप्यूटर की भाषा में बदल सके. कीबोर्ड बटन से बना होता है जिसे “ Keys ” कहते है और इन keys को भी 5 भागो में बांटा जाता है.
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अल्फाबेट कीस ( Alphabet keys ) जैसे – A, T, W, O इत्यादि
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फंक्शन कीस ( Function keys ) जैसे – F1, F2, F5 इत्यादि
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नंबर कीस ( Number keys ) जैसे – 1, 2, 9, 0 इत्यादि
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एरो कीस ( Arrow keys ) जैसे – आपको ऊपर, नीचे, दाए और बाए
ले जाने वाले बटन
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कमांड कीस ( Command keys ) जैसे – Insert, Delete, End,
Ctrl, Alt, Tab इत्यादि
ज्यादातर कीबोर्ड को
क्वर्टी ( QWERTY ) कीबोर्ड कहा जाता है. कीबोर्ड का ये नाम कीबोर्ड की
अल्फाबेट बटन की सबसे ऊपर वाली लाइन के पहले 6 अक्षरों से आया है. कीबोर्ड एक
इनपुट डिवाइस है तो आप कीबोर्ड की सहायता से कोई भी डॉक्यूमेंट टाइप कर सकते हो,
जिसमे आपकी मदद के लिए कुछ शॉर्टकट बटन भी होते है, साथ ही आप गेम खेल सकते हो,
इनके आलावा भी बहुत से ऐसे काम है जो आप कीबोर्ड की मदद से आसानी से कर सकते हो.
कीबोर्ड के बटन को “ Keycaps ” भी कहा जाता है. हर बटन दुसरे बटन से समान दुरी पर, एक व्यवस्थित तरीके से
लगा होता है. ज्यादातर कीबोर्ड में 80 से 110 बटन होते है. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
How Keyboard works |
कीबोर्ड काम कैसे करता है?
एक कीबोर्ड के पास अपना एक
खुद का प्रोसेसर और सर्किट होता है, ये सर्किट एक key matrix बनाते है जिनकी मदद से ये
आपके द्वारा दबाये बटन की सारी जानकारी को कीबोर्ड प्रोसेसर तक पहुंचाते है. Key matrix का सर्किट जालीदार
होता है. हर बटन के नीचे एक सर्किट टुटा हुआ होता है और जब भी आप किसी बटन को
दबाते हो तो उसके नीचे लगा स्विच उस सर्किट को पूरा करता है और इस तरह से कीबोर्ड
में हल्का सी विधुत का बहाव होता है. जब आप किसी बटन को दबाते हो तो उससे झनझनाहट
( Vibration ) पैदा होती है, जिसे बाउंस कहा जाता है. जब कीबोर्ड प्रोसेसर को एक पूर्ण
सर्किट मिल जाता है तो ये ROM में एक करैक्टर चार्ट बनता है. ये प्रोसेसर को बताता है कि
कौन सा बटन दबाया गया है और वो बटन कहाँ स्थित है.
कीबोर्ड को कंप्यूटर से
जोड़े :
ज्यादातर कीबोर्ड को
कंप्यूटर से जोड़ने के लिए USB या PS/2 केबल का इस्तेमाल होता है. लैपटॉप में इंटरनल कनेक्टर होते
है और उसी के आधार पर लैपटॉप का कीबोर्ड काम करता है. इनके अलावा कीबोर्ड को
कंप्यूटर से जोड़ने के लिए वायरलेस कीबोर्ड का भी इस्तेमाल किया जाता है, जो
इन्फ्रारेड ( Infrared ) या फिर रेडियो फ्रीक्वेंसी ( Radio Frequency ) पर काम करते है. चाहे आपका कीबोर्ड रेडियो फ्रीक्वेंसी पर काम करे या फिर
इन्फ्रारेड पर लेकिन उन्हें कंप्यूटर से जुड़ने के लिए एक रिसीवर की जरूरत तो होती
ही है. ये रिसीवर या तो कीबोर्ड में ही इनबिल्ट होता है आपको इसको कंप्यूटर के साथ
एक USB पोर्ट के सहारे जोड़ा जाता है, ताकि कंप्यूटर और कीबोर्ड के बीच सिग्नल का
बहाव होता रहे. वायरलेस कीबोर्ड में या तो AC पॉवर होती है या फिर वे बैटरी पर काम करते है.
जब भी आप वायरलेस कीबोर्ड
पर कोई बटन दबाते हो तो उससे कुछ सिग्नल निकलते है जिन्हें कंप्यूटर का कीबोर्ड
कंट्रोलर पकड़ता है. कंप्यूटर के अंदर लगी IC ( Integrated Circuit ) कीबोर्ड के द्वारा भेजी गई
सारी डाटा को प्रोसेस करती है और उसे ऑपरेटिंग सिस्टम के पास भेजती है. तब वहाँ से
ऑपरेटिंग सिस्टम सारी डाटा को जांच कर, उस एप्लीकेशन को भेजता है जहाँ आप काम कर
रहे होते हो. और इस तरह आप अपने वायरलेस कीबोर्ड को कंप्यूटर के साथ जोड़ कर काम कर
पाते हो.
Keyboard Kaise Work Karta hai |
कीबोर्ड के प्रकार :
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एर्गोनोमिक ( Ergonomic ) कीबोर्ड – ये साधारण कीबोर्ड से अलग
दिखाई देते है. इसमें आपको बटन के लिए दो सेट मिलते है और दोनों सेट के बीच में
थोड़ी जगह होती है. इसके आलावा इसमें दो स्पेस बटन होते है जो आपके दोनों अंगूठो के
ठीक नीचे होते है. इन कीबोर्ड का इस्तेमाल वो लोग करते है जिन्हें कीबोर्ड पर बहुत
काम करना होता है.
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ADB (
Apple Desktop Bus ) कीबोर्ड – इसको कंप्यूटर से जोड़ने के लिए आपके कंप्यूटर में एक खास
तरह के पोर्ट का होना बहुत आवश्यक है, जो ज्यादातर एप्पल के लैपटॉप और कंप्यूटर के
साथ लगा हुआ आता है. इस पोर्ट को ADB जैक ही कहा जाता है.
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Scissor
Switch कीबोर्ड – इनका इस्तेमाल सबसे अधिक होता है. इनके बटन प्लास्टिक के
बने होते है. जब आप इन्हें दबाते हो तो आप इन्हें समतल पाते हो और फिर कीबोर्ड
ड्राइव आपके द्वारा दबाये गये बटन की सारी जानकारी को कंप्यूटर ऑपरेटिंग सिस्टम तक
पहुंचता है.
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Flat Panel
Membrane कीबोर्ड – इन कीबोर्ड का इस्तेमाल ज्यादातर प्रिंटर और फोटोकॉपी करने
के लिए किया जाता है. इनमे प्लास्टिक की 2 परत होती है. जो एक दुसरे के बिलकुल
सामानांतर होती है. ऊपर वाली परत पर चिह्न होते है जैसेकि अल्फाबेट, नंबर इत्यादि
और नीचे वाली परत पर कुछ विधुत से चलने वाली पट्टी होती है. जब आप किसी बटन को
दबाते है तो ऊपर वाली परत नीचे वाली परत से जाकर टकराती है और इससे एक आवाज़ निकलती
है और साथ ही सिग्नल मिलते है जिनके आधार पर कीबोर्ड काम करता है.
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Direct
Switch Keyboard – आप इस तरह के कीबोर्ड को
अपने फ़ोन में देख सकते हो. इनमे कुछ मेटल कंडक्टर लगे होते है, जिन्हें प्लास्टिक
की परत से ढक दिया जाता है और उस प्लास्टिक के ऊपर चिह्न डाल दिए जाते है. लेकिन
उन कंडक्टर के नीचे लगी प्लेट सोने की बनी होती है जो विधुत को ज्यादा अच्छी तरह
से कंडक्ट करती है. तो जब भी आप किसी बटन को दबाते हो तो वो सोने की प्लेट से एक
सर्किट को पूरा करती है और आपके द्वारा दबाया गया बटन अपनी जानकारी को स्क्रीन पर
पाता है.
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Arc कीबोर्ड – ये दिखने में बहुत
ही खुबसूरत लगता है लेकिन इसमें ध्यान देने वाली बात ये है कि इसमें सामान्य रूप
में दी गई एरो बटन नही होते बल्कि एक ही बटन में चारो एरो बटन होते है जिसको ऊपर,
नीचे दाये और बाये दबाना होता है.
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Compact कीबोर्ड – ये पतले होते है
साथ ही इनमे अलग से नंबर बटन नही होते है. इनका ज्यादातर इस्तेमाल लैपटॉप कीबोर्ड
के रूप में किया जाता है. इन कीबोर्ड में एक बटन को एक से ज्यादा काम करने के लिए
बनाया जाता है.
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इन्टरनेट कीबोर्ड – इन्टरनेट की वजह से ही ज्यादातर व्यक्ति कंप्यूटर का
इस्तेमाल करते है. इन कीबोर्ड में कुछ खास बटन दिए होते है जैसेकि हॉट बटन, जिसका
इस्तेमाल इन्टरनेट से सम्बंधित काम के लिए किया जाता है. हॉट बटन में गूगल सर्च,
यू ट्यूब, बुकमार्क आदि बटन आते है. इनके मदद से आप इन्टरनेट को आसानी से चला पाते
हो.
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गेमिंग कीबोर्ड – जैसाकि इसके नाम से ही पता चल रहा है कि इस कीबोर्ड का
इस्तेमाल गेम खेलने के लिए किया जाता है और इसे गेम के फीचर को ध्यान में रख कर ही
बनाया जाता है. ताकि आप गेम खेलते वक़्त अपने गेम का पूरी तरह से मजा ले सको. इनमे
गेम से सम्बंधित कुछ खास फीचर दिए जाते है जैसेकि वॉल्यूम कण्ट्रोल, बटन लाइटिंग,
इनबिल्ट जोस्टिक, फैंसी लाइट इत्यादि.
कीबोर्ड के लाभ :
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कीबोर्ड का इस्तेमाल आप
अपनी डॉक्यूमेंट को टाइप करने, या फिर डाटा एंट्री करने के लिए इस्तेमाल कर सकते
हो.
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अगर आपकी टाइप करने की गति
अच्छी है तो आप कीबोर्ड का अच्छा इस्तेमाल कर सकते हो.
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आपके काम को आसान बनाने के
लिए कुछ खास तरह के कीबोर्ड भी आते है.
कीबोर्ड के नुकसान :
- कीबोर्ड में टाइपिंग करते वक़्त गलतियाँ करना बहुत आसान होता
है.
- कीबोर्ड से आप किसी भी डायग्राम को नही बना सकते.
- कीबोर्ड के ज्यादा इस्तेमाल से आपको RSI ( Repetitive Strain Injury ) भी हो सकती है.
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TAB बटन का उपयोग कब क्यूँ और कैसे किया जाता है कृपया इसकी जानकारी दें
ReplyDeleteCommand button kya hoti hai
ReplyDelete@ ka use kese kre
ReplyDeleteComputer ke Keyboard me @ kq use kese kiya jata h
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