कार्तिक माह पूजन
विधि और नियम :
क्योकि कार्तिक
माह में अनेक त्यौहार है और अनेक देवी देवताओं की पूजा होती है तो इस माह में पुजन
करने के लिए कुछ नियमो का पालन किया जाता है. इन नियमो के पालन से मनुष्य के जीवन
में त्याग और सैयम का भाव उत्पन्न होता
है.
§ कार्तिक माह में मनुष्य को जमीन में सोना
चाहियें क्योकि इससे मनुष्य का स्वभाव कोमल होता है और उसके मन से अहम के भाव का
नाश होता है. भूमि पर सोने को तीसरा
प्रधान कार्य भी माना जाता है.
§ इस पुरे माह में मनुष्य को मॉस, मदिरा आदि नशे
की चीजों का त्याग कर देना चाहियें. अगर आप प्याज, लहसुन और बैंगन आदि का भी सेवन
करते हो तो आप इस महीने में उन्हें भी खाना छोड़ दें.
§ इसके अलावा कार्तिक माह में द्विदलन अर्थात
उड़द, मुंग, मसूर, चना, मटर, राई, हींग, मुली और हरी सब्जियों का सेवन भी निषेध है.
अगर घर में किसी जातक ने व्रत रखा है तो उसे घीया, लौकी, गाजर, बैंगन, बेल के
पत्ते, खट्टे पदार्थ और बासी या दूषित खाना बिल्कुल नही खाना चाहियें. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
कार्तिक माह पूजन विधि |
§ व्रत रखे वाले को दिन के चौथे पहर में ही भोजन
करना चाहियें और वो भी खुद के हाथो से बना हुआ, साथ ही इस बात का भी ध्यान रखे कि
आप पत्तल पर रख कर ही खाना खायें.
§ कार्तिक माह में स्नान करने के लिए सबसे
उपयुक्त समय ब्रह्ममुहूर्त को माना गया है.
§ इस माह में जातको को तुलसी और सूर्य को जल
चढ़ाना चाहियें.
§ आप इस माह में ब्रह्मचर्य का पालन करे और अपने
मन से कामवासना को निकल दें.
§ इस माह में व्रती पुरुष और स्त्री को किसी भी
रजस्वला स्त्री का स्पर्श नही करना चाहियें क्योकि इसे बहुत ही बड़ा दोष माना जाता
है.
§ इसके अलावा कौए का झूठा और सुटक युक्त घर के
अन्न से भी दूर रहना चाहियें.
§ अगर आपने व्रत रखा है तो आप कम बोले और न तो
किसी की निंदा करें और न ही आप किसी के विवाद में फंसे, साथ ही आप पाने घर में ही
रहे नाकि घुमने के लिए किसी परदेश चले जाएँ.
§ व्रत रखने वाले जातक को अपने मन की इन्द्रियों
पर भी काबू रखना चाहियें. आप पराया धन, पराया अन्न, पराई शय्या और पराई स्त्री से
दूर ही रहे.
§ व्रत रखने के बाद आपको क्रोध से मुक्त होकर संयम
से काम लेना चाहियें. हो सके तो आप साधुओं की तरह व्यवहार करें. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
Ritual for Kartik Month |
§ इस पुरे माह में शरीर पर तेल नही लगाना
चाहियें. अगर आप तेल लगाना ही चाहते हो तो आप कार्तिक माह की कृष्ण चतुर्दशी के
दिन ही शरीर पर तेल लगायें.
कार्तिक त्यौहार
:
कार्तिक माह में
अनेक त्यौहार मनाये जाते है और हर त्यौहार की अपनी ही एक अलग दन्त कथा है. जैसेकि
इस माह में भगवान विष्णु जी ने देवताओं को जालंधर राक्षस से मुक्त कराया था, वहीँ
एक कथा के अनुसार भगवन विष्णु जी ने मत्स्य का रूप धारण करके वेदों की रक्षा की
थी. ऐसी ही अनेक कथाएं कार्तिक माह से जुडी है. इन कथों के अनुसार इस माह में
निम्न पर्वो और त्योहारों को मनाया जाता है –
1.
करवा चौथ ( कृष्ण
पक्ष चतुर्थी )
2.
अहोई अष्टमी या
कालाष्टमी ( कृष्ण अष्टमी )
3.
रामा एकादशी
4.
धन तेरस
5.
नरक चौदस
6.
दीपावली और कमला
जयंती
7.
गोवर्धन पूजा और
अन्नकूट पूजा
8. भाई दूज और यम
द्वितीय ( शुक्ल पक्ष द्वितीय )
9.
कार्तिक छठ पूजा
10.
गोपाष्टमी
11. अक्षय नवमी या
आंवला नवमी और जगददत्तात्री पूजा
12.
देव उठनी एकादशी
या प्रबोधिनी
13.
तुलसी विवाह
स्कंद पूरण में
लिखा है कि कार्तिक माह विष्णु जी की घर पर पूजा करने से बद्रीनारायण तीर्थ का
लाभ मिल जाता है. इसके अलावा पद्मा पूरण
में लिखा है कि कलयुग में जो भी व्यक्ति इनकी पूजा करता है उसे अनेक पुण्यो की
प्राप्ति होती है. पद्म पूरण में ये भी लिखा है कि जो व्यक्ति इस माह में घी या
तेल के दीप को जलाता है उसे अश्वमेघ यज्ञ के बराबर फल की प्राप्ति होती है.
Kartik Maah Pujan Vidhi |
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according to vaishnava calendar kartik is strating by 6th of october 2017 and as per ordinary hindu calendar it starting by 20th october 2017....confusing it is...
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