आलू बुखारे का प्रयोग औषधि
के रूप मे भी किया जा सकता है. इसका उपयोग निम्नलिखित बिमारियों में करना लाभदायक
होता है.
1.
मलबद्धता की बीमारी
को दूर करने के लिए आलू बुखारे का प्रयोग करना बहुत ही लाभकारी होता है. पेट में
कब्ज की शिकायत होने पर आलू बुखारे को पानी में घिस ले, और उसका सेवन करें. पेट की
कब्ज खत्म हो जाएगी. पेट की कब्ज को दूर करने के लिए एक और उपाए को अपनाया जा सकता
है. इस उपाय के लिए एक आलू बुखारा ले. एक अंजीर ले. कुछ दाने मुनक्का के ले. इन
तीनो को पानी में डालकर अच्छी तरह से धो ले. अब एक काँच के बर्तन को ले और उसमे दो
गिलास पानी डालकर उसमे तीनो चीजो को डाल दे. इसे रात भर ऐसे ही रहने दे. सुबह उठकर
भीगे हुए अंजीर, मुनक्का, व आलू बुखारे को खाने के बाद ऊपर से पानी पी ले. पेट की
कब्ज खत्म हो जाएगी.
2.
अगर किसी व्यक्ति का
बार – बार मुंह सुख रहा हो तो उसे आलू बुखारे का सेवन करना चाहिए. दिन में दो बार
आलू बखारे को मुंह में रख कर चूसने से मुंह नही सूखता तथा प्यास भी अधिक नही लगती. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
Ayurveda Medicine Prune |
3.
अगर किसी व्यक्ति को
किसी भी प्रकार का उदर रोग हो गया है तो उसे आलू बखारे का उपयोग करना चाहिए. ऐसे
उदर रोग भी होते है, जिनके कारण शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है. ऐसे में आलू
बखारे का सेवन करना बहुत ही उपयोगी और लाभकारी सिद्ध होता है. आलू बुखारे को खाने
से शरीर में पानी की कमी पूरी हो जाती है.
4.
पेट में दस्त लगने
पर व्यक्ति के शरीर में बहुत ही कमजोरी आ जाती है. ऐसे में आलू बुखारे का सेवन
करना बहुत ही लाभकारी होता है. आलू बुखारे का प्रयोग करने से अधिक दस्त नही होते
तथा अगर पेट में दर्द हो रहा हो तो वह भी ठीक हो जायेगा.
5.
अधिकतर लोगो को
बुखार होने पर उनका जी मिचलाने लगता है. बुखार होने पर कई लोगों को उल्टी, और शरीर में बेचैनी भी होने लगती है.
ऐसे में ताजे और सूखे आलू बुखारे का प्रयोग करना बहुत ही उपयोगी सिद्ध होता है.
बुखार होने पर ताजा या सुखा आलू बुखारे को खाने से बुखार ठीक हो जाता है तथा शरीर
की बेचैनी, जी मिचलाना और उल्टी जैसी समस्या भी खत्म हो जाती है. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POSTS ...
आयुर्वेदिक औषधि आलू बुखारा |
6.
आलू बुखारे का सेवन
करने से बवासीर की बिमारी भी ठीक हो जाती है.बवासीर का रोगी आलू बुखारे का फल के
रूप में या सुखे मेवे के रूप में सेवन कर सकता है. जल्दी ही उसे इस बीमारी में लाभ
होगा.
7.
आलू बुखारे को खाने
से पित्त का प्रकोप शांत हो जाता है. पित्त के प्रकोप से ग्रस्त रोगी को रोजाना एक
या दो आलू बखारा जरुर खाना चाहिए. पीलिया के रोगी के लिए आलू बखारे का सेवन करना
बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है.
8.
अगर किसी व्यक्ति को
बुखार हो गया है और उसे थोड़ी – थोड़ी देर में प्यास लग रही हो तो उस व्यक्ति के लिए
आलू बुखारे कला सेवन करना बहुत ही उपयोगी और लाभकारी होता है. आलू बुखारे का सेवन
करने से अधिक प्यास नही लगति. बुखार से पीड़ित व्यक्ति को आलू बुखारे को थोड़ी –
थोड़ी देर में चूसते रहना चाहिए.आलू बुखारे को पानी में भिगो कर खाने या उसे पानी
में घिसकर पीने से शरीर की जलन भी खत्म हो जाती है, तथा गले को ठंडक मिलती है, और
प्यास भी बुझ जाती है.
जिस व्यक्ति को भूख कम
लगती हो, उसके लिए आलू बुखारा का सेवन करना बहुत ही उपयोगी एवं लाभदायक है. आलू
बुखारे को खाने से भूख खुलती है तथा इसमें उपस्थित रस से भोजन को पचाने में मदद भी
मिलती है. भूख न लगने पर आलू बुखारे का नितमित रूप से सेवन करना लाभकारी होता है.
Ayurvedic Aushdhi Aalu Bukhara |
Ayurvedic Aushdhi Aalu Bukhara, आयुर्वेदिक औषधि आलू बुखारा, Ayurveda Medicine Prune, Bukhaar ke Liye Ayurvedic Dawaai, Pet ke Rogon ka Upchaar, Aalu Bukhare Se Bimariyon ka Ilaaj, बिमारियों के इलाज के लिए आलू बुखारा, Prune for cure the Diseases.
YOU MAY ALSO LIKE
- डूबा हुआ या रुका हुआ धन प्राप्त करना
- धन कैसे बढ़ाएं
- बॉडी की मसल्स कैसे बनायें
- बिना जिम जाये बॉडी मसल्स बनायें
- काम धंदे की समस्या को दूर करें
- दांतों के हिलने का इलाज
- गला सुख जाए या दर्द करे का उपचार
- आलू बुखारा फल के फायदे और नाम- बिना जिम जाये बॉडी मसल्स बनायें
- काम धंदे की समस्या को दूर करें
- दांतों के हिलने का इलाज
- गला सुख जाए या दर्द करे का उपचार
- आयुर्वेदिक औषधि आलू बुखारा
- कर्ज परेशानी दूर करने का उपाय
- जॉयस्टिक की कार्य और प्रकार बताइए
No comments:
Post a Comment