अंगूर का औषधीय प्रयोग भी किया जाता
है.जो विभन्न प्रकार की शारीरिक समस्याओं को दूर करने में बेहद उपयोगी है. जिसका
विवर्ण निम्न प्रकार है-
1. गर्भावस्था में अक्सर गर्भवती औरत का मन कभी कुछ
खट्टा खाने का होता है तो कभी मीठा. ऐसे में अंगूर एक एसा फल है जो दोनों प्रकार
के स्वाद से पूर्ण होता है और इसमें गर्भवती
महिला की इच्छाओ की पूर्ति करने की भी क्षमता होता है. अंगूर खाना वैसे भी सेहत के
लिए बहुत ही आवश्यक होता है.और जब गर्भवती महिला इसका सेवन करती है तब तो यह और
अधिक लाभकारी सिद्ध होता. शरीर को शक्ति मिले इसके लिए गर्भवती महिला अंगूर के
अलावा किसमिस तथा मुनक्का का भी सेवन कर सकती है. गर्भावस्था में गर्भवती महिला के
लिए प्रतिदिन अंगूर खाना बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है गर्भवती महिला अंगूर खाना
न चाहती हो तो वह इसके रस का भी सेवन कर सकती है क्यूंकि अंगूर का रस भी उतना ही
लाभकारी होता है.अंगूर को खाने व इसके के रस को पीने से गर्भवती महिला का बच्चा
स्वस्थ पैदा होता है तथा जब तक बच्चा पेट रहता है तब तक उसे सभी आवश्यक पोष्टिक
पदार्थो की प्राप्ति होती है.
2. अम्लपित्त अर्थार्त एसिडिटी में भी अंगूर के रस को पीने से
राहत मिलती है. अमल्पित्त के हो जाने से पेट में गैस बन जाती है और कुछ लोगो को
पेट में दर्द भी हो जाता है . कुछ व्यक्ति तो इससे इतने परेशान हो जाते है की उनसे खाना भी खाया
नहीं जाता ऐसे में अंगूर के रस में अनार के रस की समान मात्रा मिलाकर पीने से अम्लपित्त
की स्थिति में जल्दी ही सुधार हो जाता है. तीन से चार दिन लगातार इन दोनों फलों के रस को सुबह और शाम पीने
से अम्लपित्त पूरी तरह से ठीक हो जाता है.
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Angur ke Aushdhaiy Gun |
3. दांत में दर्द अधिकतर जभी होता है जब
दांतों में कीड़े लग जाते है. अगर किसी व्यक्ति या बच्चों के दांत में दर्द हो तो
अंगूर खाना बहुत ही गुणकारी होता है. दांत में दर्द बड़ो के साथ –साथ छोटे बच्चो को
भी हो जाता है. जिससे खाना खाने में बहुत ही दिक्कत होती है.बड़े व्यक्ति तो
दवाईयों को खा लेते है परन्तु बच्चों को तो खट्टी और मीठी चीजे ही अधिक पसंद आती
है. और अंगूर तो वैसे भी बच्चो के पसंदीदा फलों में से एक होता है. दांत में दर्द
हो या दांत हिलते हो दोनों ही स्थिति में अंगूर को मुंह में डालकर चूसने से काफी
लाभ होता है.
4. शरीर में खून की मात्रा में कमी
होने की स्थिति में भी अंगूर का सेवन किया जाता है. या ये कहे की ऐसे में अंगूर के
आलावा कोई ऐसि वस्तु नही है जिससे शरीर में हुई खून की कमी को पूरा किया जा सके.
शरीर में खून की कमी को पूरा करने के लिये अंगूर खाना बहुत ही लाभकारी होता है.
तथा इसे खाने से शरीर का रक्त और अधिक साफ हो जाता है तथा इसमे उपस्थित सभी प्रमुख
तत्वों की मात्रा और रसायनिक पदार्थो की मात्रा खून में समावेष हो जाती है. खून की
कमी होने पर व्यक्ति को प्रतिदिन 100 से 200 ग्राम अंगूर को खाना चाहिए . जिससे उस
व्यक्ति के शरीर में खून की मात्रा भी पूरी हो जाएगी तथा वो जल्द ही स्वस्थ भी हो
जायेगा.
Medicine Quality of Grapes |
5. गुदा शूल जैसे रोग से निवार्र्ण के
लिए भी अंगूर का सेवन करना बहुत ही उपयोगी है. गुर्दों के दर्द से छुटकारा पाने के
लिए अंगूर के पत्तो का उपयोग किया जाता है. गुर्दा शूल से राहत के लिए अंगूर को
पत्तो का घोल बनाया जाता है. इसे बनाना बहुत ही आसन है. इसे बनने के लिए अंगूर के
20 से 25 ग्राम पत्ते लें. पत्तो को अच्छी तरह ऐ पानी से धो ले. धोने के बाद उसे
50 ग्राम पानी के साथ पीस ले. अब अंगूर के पत्तो को छानकर पानी से अलग आर दे .
इसके बा उसमे एक चुटकी काला नमक मिला दे. अब इस घोल को गुर्दे शूल से पीड़ित
व्यक्ति को पीने के लिए दे. इस घोल का लगातार 4 से 5 दी तक पीने से गुर्दे के रोग
से मुक्ति मिल जाएगी.
6. मूत्र विकार अर्थार्त अगर किसी व्यक्ति को
मूत्र धीरे – धीरे रुक – रूककर आता हो. या किसी
को बार- बार जाना पड़ता हो , तो ऐसि
स्थिति में अंगूर को खाने से मूत्र विकार जैसे रोग से राहत मिलती है.अंगूर केओ
खाने से मूत्र शरीर से खुलकर बाहर आता है.
तथा अंगूर को खाने से मूत्राशय की सभी कमजोरियाँ ठीक हो जाती है.
7. ज्यादा गर्मी के दिनों में में अक्सर बहुत
ज्यादा प्यास लगती है और गला भी सुख जाता है. ऐसे में अंगूर बहुत ही लाभकारी सिद्ध
होता है. अंगूर प्यास को शांत करता है . अंगूर गले की प्यास को शांत करने के साथ -
साथ गले में पानी की कमी को भी पूरी करता है, क्योंकि इसमें गलुकोज की मात्रा भी
शामिल होती है. जिससे शरीर में पानी की कमी भी पूर्ण हो जाती है. तेज बुखार के
रोगी के लिए भी अंगूर का सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता है. बुखार होने पर यदि
व्यक्ति को अधिक प्यास लगने पर अंगूर का रस पीने या अंगूर खाने पर प्यास बुझ जाती
है.
अंगूर के औषधीय गुण |
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