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Use of Beej Mantra | Beej Mantron ka Prayog | बीज मन्त्रों का प्रयोग

24 बीज मंत्रो का अपना अपना एक स्थान है लेकिन कुछ ऐसे है जिनका उपयोग अनेक स्थानों पर होता है, उन्ही के बारे में हम आपको बता रहे है – 


·         ॐ – सभी बीज मंत्रो में सबसे ज्यादा जाना जाने वाला बीज मंत्र है. इसको प्रणव और अभिनन्दन मानता के रूप में भी जाना जाता है. साथ ही इसको काम का रूप भी बताया जाता है, जिसे महाकाल ने बनाया था. इसी मंत्र को निर्माण, बनाये रखने और संहार के लिए भी जाना जाता है.


·         श्रीम् – इस बीज मंत्र को विष्णुप्रिय भी कहा जाता है क्योकि माना जाता है कि ये मंत्र भगवान विष्णु को बहुत प्रिय होता है, कई जगह इस मंत्र को भगवन विष्णु जी की पत्नी देवी लक्ष्मी का भी रूप कहा जाता है. 


·         ह्रीं – ह्रीं बीज मंत्र को माया बीज भी कहा जाता है. साथ ही इसे रौद्री के रूप में भी जाना जाता है. 
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Use of Beej Mantra
Use of Beej Mantra

·         क्लीम् – इस बीज मंत्र को पित्रीभूवासिनी के नाम से जाना जाता है. पित्रीभूवासिनी एक देवी है जो हमारे पूर्वजो और पितृ की रक्षा करती है. इसको डरावना और क्लेदाना बीज भी कहा जाता है.


·         हुम् – इस बीज को कूर्चा बीज भी कहा जाता है और इसे सभी मंत्रो की माता माना जाता है. इस मंत्रो का प्रयोग वीरो की माता करती है.


·         क्रोम् – क्रोम् बीज को क्रोधिषा बीज कहा जाता है इसको अग्नि को चढ़ाव देते समय इस्तेमाल किया जाता है.
 
Beej Mantron ka Prayog
Beej Mantron ka Prayog

·         क्लीम् – इस बीज से मनुष्य में वासना का भाव उत्पन्न होता है. इसको तीन संसारो का बीज मंत्र भी माना जाता है और इसका दूसरा नाम काम है.


·         फट – इन चौबीस बीजो के अलावा एक बीज फट भी है, इस बीज को अग्नि बीज के रूप में भी जाना जाता है. इसका उपयोग पूजा में अंतिम समय में किया जाता है.
 
बीज मन्त्रों का प्रयोग
बीज मन्त्रों का प्रयोग

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