जब कोई बच्चा पैदा होता है तो हम उसकी
जन्म कुंडली बनवाते हैं. ये जन्म कुंडली हमें बताती है कि जातक अपने जीवन में कब
और किस तरह से अपने कार्यों में सफलता और उन्नति प्राप्त करेगा. ज्योतिषाचार्य
जन्म का स्थान, समय, जन्म के समय ग्रहों की स्तिथि, नक्षत्रों की स्थिति आदि का
अध्ययन करके जन्म कुंडली बनाते हैं. व्यक्ति अपने जीवन में कौन से क्षेत्र में
जायेगा और अपने जीवन यापन के लिए नौकरी करेगा या अपना व्यवसाय करेगा, बड़ा होकर
व्यक्ति का व्यव्हार कैसा होगा वह नम्र स्वभाव का बनेगा या झगडालू परवर्ती का होगा
इन सब बातों का हमें कुंडली से पता चल जाता है. किसी व्यक्ति की कुंडली में
क्या-क्या संभावनाएं हैं उन के बारे में हम निम्न चार बातों से पता लगा सकते
हैं---
1.
लग्न की शक्ति
2.
चन्द्र की शक्ति
3.
सूर्य की शक्ति
4.
दशम भाव की शक्ति.
जब लग्नेश,
चन्द्र राशि का स्वामी, सूर्य राशि का स्वामी और दसवें भाव का स्वामी 15 के नियम
के हिसाब से शुभ होतें हैं तो ऐसे व्यक्ति की कुंडली में संभावनाएं बहुत अधिक होती
हैं. इसके साथ ही हमें लगन अर्थात पहला भाव, चन्द्र राशी वाला भाव, सूर्य राशि
वाला भाव और दशम राशि वाला भाव भी देखना पड़ता है. जब हमें कोई भाव देखना हो तो ऐसे
में हमें चार बातों का खास ख्याल रखना होता है—
CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POST ...
CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POST ...
कुण्डली में सफलता और समृद्धि योग |
1.
शुभ ग्रह जब भाव में
उपस्थित होता है तो ऐसे में भाव को ताकत मिलती है.
2.
जब शुभ ग्रहों की द्रष्टि
भाव पर पड़ती है तो इससे भी भाव को ताकत मिलती है.
3.
भावेश की द्रष्टि जब भाव
पर पड़ती है तो इससे भी भाव को ताकत मिलती है.
4.
जब भाव के दोनों तरफ शुभ ग्रह उपस्थित होते हैं
तो ऐसे में भी भाव की ताकत बढती है. जब भाव के दोनों और अशुभ ग्रह उपस्थित होते
हैं तो इससे भाव का फल कम होता है. इसका मतलब यह है की भाव में जब पाप गृह आ जाते
हैं या भाव पर पाप ग्रह की दृष्टि हो जाती है और अगले और पिछले भाव में पाप ग्रह आ
जाते हैं तो यह भाव के लिए नुकसान दायक होता है. भाव को देखने के लिए ये चारों
नियम जरूरी हैं. इसका मतलब यह है कि भाव की ताकत इन चारों नियमों से ही देखें. इस
नियम के द्वारा जब आप लग्न, सूर्य, चन्द्र और दशम की स्तिथि देखेंगें तो आप किसी
भी व्यक्ति की कुंडली देखकर उस व्यक्ति की जीवन की सभी बातों का आपको पता चल
जायेगा.
Kundli Mein Safalta or Smridhi Yog |
Kundli Mein Safalta or Smridhi Yog, कुण्डली में सफलता और समृद्धि योग, Kundli Yog, Safalta ka yog, Kundli mein dhan vridhi, कुंडली योग, सफलता का योग, कुंडली में धन वृद्धि.
YOU MAY ALSO LIKE
- उँगलियाँ और आपकी पर्सनालिटी
- हम अपने ग्रहों को अपने अनुकूल बना सकते हैं
- पीला रंग और उसका प्रभाव
- एक लोटा जल किस्मत में भारी बदलाव ला सकता है
- ॐ का दिव्य जाप
- नेत्र रोग चिकित्सा
- कुण्डली में सफलता और समृद्धि योग
- माँ - बाप की ख्वाहिशे - एक लोटा जल किस्मत में भारी बदलाव ला सकता है
- ॐ का दिव्य जाप
- नेत्र रोग चिकित्सा
- कुण्डली में सफलता और समृद्धि योग
- हनुमान जयंती पर लांगुरास्त्र प्रयोग
- छोटी उंगली से जानिए बिजनेसमैन बनेगें या अफसर
- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नेत्र रोग और ग्रह
No comments:
Post a Comment