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Yog kram Yogasan or Unke laabh v Pranayam | योग क्रम योगासन और उनके लाभ व् प्राणायाम



सूर्य नमस्कार के लाभ --- सूर्य नमस्कार से हमारे शरीर को शक्ति और स्फूर्ति मिलती है. सूर्य नमस्कार से शरीर की मांस पेशियाँ ठीक तरह से काम करती हैं. शरीर को तेज़ प्राप्त होता है. सूर्य नमस्कार हमारे शरीर के रोगों को ठीक करता है. सूर्य नमस्कार से मेरुदंड में लचक आती है. सूर्य नमस्कार से विवेक बढता है. सूर्य नमस्कार से मन एकाग्र हो जाता है. शरीर में शांति महसूस होती है.


उष्ट्र चाल --- यह आसन हमारे शरीर में रक्त संचार को तेज़ गति प्रदान करता है. इस आसन को करने से खून साफ़ होता है.


यह आसन हमारे शरीर को लचक प्रदान करता है.


यह आसन करने से फेफड़े स्वस्थ और ताकतवर बनते हैं.


तीन मिनट की उष्ट्र चाल चलने से तीन किलोमीटर के बराबर उर्जा मिलती है. जगह कम होने पर भी यह दौड़ हो जाती है. 
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योग क्रम योगासन और उनके लाभ व् प्राणायाम
योग क्रम योगासन और उनके लाभ व् प्राणायाम

पीठ के बल लेटकर करने वाले आसन ---


1.       शयनासन:

शयनासन करने से आसन और ध्यान दोनों हो जाते हैं.

यह आसन करने से मन और तन को शांति मिलती है. बुद्धि स्थिर होती है.

शरीर के सभी स्नायुओं को आराम व शांति मिलती है.

यह आसन अनिद्रा को दूर करता है. रक्त चाप को ठीक करता है. नाड़ियों की कमजोरी दूर हो जाती है.

यह आसन गैस को दूर करता है.


भ्रामरी प्राणायाम:

 भ्रामरी प्राणायाम करने से मानसिक तनाव दूर होता है. अवसाद कम हो जाता है. यह आसन गुस्से और चिंता को दूर करता है.

यह आसन करने से रक्त चाप सुचारू तरीके से काम करता है.

भ्रामरी प्राणायाम हमारे मस्तिष्क को आध्यात्मिक ध्वनी के प्रति सचेत करता है.

यह आसन करने से वाणी या स्वर मधुर हो जाते हैं.


प्रष्ठ भूमि ताड़ासन :

यह आसन हमारे शरीर की लम्बाई को बढाता है.

यह आसन करने से आलस दूर हो जाता है

इस आसन से शरीर के जोड़ खुल जाते हैं.

यह आसन करने से नाभि अपने स्थान पार आ जाती है.

कमर के दर्द में यह आसन आराम देता है.   
 
Yog kram Yogasan or Unke laabh v Pranayam
Yog kram Yogasan or Unke laabh v Pranayam

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