विधि: एनिमा काफी सावधानी
के साथ दिया जाता है. एनिमा देने के लिए सबसे पहले रोगी को पीठ के बल लिटा दें. एनिमा
पॉट के द्वारा मलाशय के अंदर पानी भरा जाता है. एक खास तरह के बर्तन और रबर की नली
के द्वारा एनिमा दिया जाता है. एनिमा लेने के लिए इस खास तरह के बर्तन में हल्का
गर्म पानी भर लें. इसके बाद इस बर्तन में नीबू और नीबू के पत्तों का रस एक साथ भर
लें. इसके बाद इस पानी को एक लीटर के बर्तन में डाल लें. इस बर्तन को किसी ऊँची
जगह पर रख दें जिससे की पानी तेज़ गति से नीचे की तरफ आए.
एनिमा की विधि व् लाभ |
चारपाई या जमीन पर चित पट
लेट जायें.रबर के पाइप को तेल लगा लें. पाईप को मलद्वार के अंदर डालें. पानी को
रबर के पाइप में डालें. दस मिनट के अन्दर सारा पानी मलाशय के अंदर चला जाना
चाहिये.
ध्यान रखने की कुछ बातें
--- पानी इतना ही गरम करें जितना की मरीज सहन कर सके. एनिमा लेते समय पानी का
बर्तन किसी ऊँचे स्थान पर रख दें. पानी आसानी से मलाशय के अंदर पहुंचना चाहिये.
एनिमा का पानी जब पेट में पहुँचता है तो ऐसा महसूस होता है जैसे की लैट्रिन आ रही
है. यदि एसा महसूस हो तो पेट पर धीरे-धीरे हाथ फिर लें. एनिमा लेने के एक दम बाद
बाथरूम न जायें. इसके बाद दस मिनट तक घूमना फिरना चाहिये. एनिमा खाली पेट दें.
खाना खाने के बाद एनिमा न दें. उपवास में एनिमा ज्यादा लाभ पहुंचता है. एनिमा लेने
से पहले दो गिलास पानी पीने से और भी अधिक लाभ मिलता है.
Enema Ilaaj ki Vidhi v Laabh |
एनिमा से लाभ --- एनिमा
लेने से कब्ज़ दूर होती है. मलाशय साफ़ हो जाता है. पेट की आँतों की सफाई हो जाती
है. आंतें सही तरह से काम करती हैं. बवासीर, बुखार उलटी,आँतों में जख्म आदि में
एनिमा फायदा देता है. पानी में नीम की पत्तियां उबल लें. नीम की पत्तियों का पानी
से आँतों के इन्फेक्शन जैसे अमीवा, रुग्णता, संक्रामक कोलैटिसपेट में कीड़े आदि में
फायदा होता है. CLICK HERE TO READ MORE SIMILAR POST ...
Benefits of Enema Treatment |
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mujhe pitocin aur DROTIN INJECTION K BARE M MALOOM KARNA H
ReplyDeleteAenima lgane ke kitne time baad latrin aayegi
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